ओरमांझी : राजधानी रांची में एक और किसान ने आत्महत्या कर ली. ओरमांझी थाना क्षेत्र के विजांग गांव का रहनेवाला राजदीप नायक (32) बीमारी और आर्थिक तंगी से परेशान था. इन्हीं परेशानियों से तंग आकर गुरुवार को उसने कीटनाशक खा लिया था.
पहले से अार्थिक तंगी की मार झेल रहे परिजनों ने किसी तरह पैसों की व्यवस्था कर उसे इरबा स्थित मेदांता अस्पताल में भरती कराया था. पर डॉक्टर राजदीप को बचा नहीं पाये. रविवार तड़के उसने दम तोड़ दिया. परिजनों के अनुसार, राजदीप और उसके भाई ने केसीसी से लोन लेकर ट्रैक्टर खरीदा था. हाल ही में बैंक से लोन चुकाने का मौखिक नोटिस आया था.
वह अकसर बीमार रहता था. परिजनों के अनुसार, बैंक नोटिस और बीमारी से परेशान था. राजदीप का एक बेटा घनश्याम नायक व बेटी अन्नु कुमारी है.
बैंक से आये दिन तगादा : राजदीप की पत्नी कलावती देवी ने बताया, पति अपना ट्रैक्टर चला कर परिवार का भरण-पोषण करते थे. गठिया की शिकायत भी थी. आये दिन दर्द से परेशान रहते थे. इसके बाद भी प्रतिदिन ट्रैक्टर चलाने जाते थे. कलावती देवी ने बताया, भैसुर व पति दोनों ने केसीसी पर 90-90 हजार का लोन लिया था. भैसुर प्रदीप नायक के नाम पर ही ट्रैक्टर निकाले थे. बैंक से आये दिन तगादा किया जा रहा था. इसे लेकर और भी परेशान थे.
अधिकारियों ने परिजनों से ली जानकारी : राजदीप नायक टीबी का मरीज भी था. कलावती देवी ने बताया : मेरे पति एक ओर बीमारी से परेशान थे, वहीं दूसरी ओर परिवार के भरण-पोषण को लेकर भी चिंतित रहते थे. एक वर्ष पूर्व भी जान देने की कोशिश की थी, पर उन्हें बचा लिया गया था. इस बीच घटना की सूचना मिलने के बाद अपर समाहर्ता (विधि व्यवस्था) गिरजा शंकर, जिला कृषि पदाधिकारी विकास सिंह, सदर डीएसपी विकास श्रीवास्तव विजांग गांव पहुंचे. मामले की जांच की. राजदीप की पत्नी, पिता विनोद नायक व बड़े भाई से पूछताछ की.
परिजनों ने कहा : केसीसी पर लिया था 90 हजार का लोन, टीबी और गठिया से ग्रसित था
परिजनों को सहायता
अपर समाहर्ता गिरजा शंकर ने राजदीप नायक की पत्नी को सीओ द्वारा तत्काल 3000 हजार रुपये और 50 किलो चावल दिलवाया. इंदिरा आवास, विधवा पेंशन देने का आश्वासन दिया. पिता विनोद नायक व मां को इंदिरा आवास,वृद्धावस्था पेंशन, कूप निर्माण के लिए बकाया राशि और नौ किलो धान बीज देने का आश्वासन दिया.
ओरमांझी थाना में मामला दर्ज : मृतक के पिता विनोद नायक के बयान पर ओरमांझी थाने में मामला दर्ज किया गया है. विनोद नायक ने कहा कि उसका बेटा राजदीप कुछ दिनों से गठिया व टीबी रोग से परेशान था. वह ट्रैक्टर चलाता था. ट्रैक्टर का लोन चुकाने में काफी परेशानी हो रही थी. इसी बीच लोन भरने का नोटिस भी आ गया था. इससे परेशान होकर उसने कीटनाशक खा लिया.
प्रशासन ने कहा, नहीं था लोन
अपर समाहर्ता गिरजा शंकर का कहना है कि लोन राजदीप के नाम से नहीं था. उसके बड़े भाई के नाम से लोन था. राजदीप काफी बीमार रहता था. एक बार पूर्वमें भी आत्महत्या का प्रयास कर चुका था. विस्तृत जांच में ही मौत के कारणों का पता चलेगा.
संयुक्त परिवार में रहता था राजदीप
प्रशासन का कहना है कि राजदीप संयुक्त परिवार में रहता था. बड़े भाई प्रदीप के नाम पर एचडीएफसी बैंक की बरियातू शाखा से 2015 में 3. 5 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत है. ट्रैक्टर का उपयोग भाड़े पर ईंट -पत्थर ढोने के लिए किया जाता है. राजदीप नायक ही चालक के रूप में इस ट्रैक्टर पर काम करता था. मृतक की पत्नी मजदूर का काम करती है. राजदीप कुछ वर्ष पूर्व से टीबी व गठिया रोग से पीड़ित था. उनकी पत्नी ने बताया कि लगभग एक माह पूर्व आंखों से दिखना कम हो गया था.
रांची में पहले भी जान दे चुके हैं किसान
10 जून : पिठोरिया के सिमलबेड़ा गांव निवासी कलेश्वर महतो ने फांसी लगा कर जान दी थी. पत्नी के नाम से किसान क्रेडिट कार्ड पर 40 हजार का लोन लिया था, जो 61 हजार हो गया था.
15 जून : पिठोरिया के सुतियांबे गांव निवासी किसान बालदेव महतो ने कुएं में कूद कर जान दी थी. उसने केसीसी पर 25 हजार का लोन लिया था.