नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश में किसानों को कर्ज माफी का वादा कर प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा के लिए बड़ी दुविधा की स्थिति हो गई है। भाजपा के ही केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज स्पष्ट कर दिया है कि किसानों का कर्ज माफ करना केंद्र सरकार के बस की नहीं है।
जेटली ने केंद्र सरकार की ओर से किसानों की ऋण माफी योजना की संभावना से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यदि ऐसा करती है तो इसका खर्च भी उसे ही उठाना होगा। उन्होंने इसके लिए सफाई देते हुए कहा था कि ऐसा संभव नहीं है कि केंद्र सरकार एक राज्य का कर्ज माफ कर दे और बाकी राज्यों का नहीं।
सात चरणमें होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान कई चुनावी मंच से स्वयं प्रधानमंत्री ने भी यूपी के किसानों से वादा किया था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही किसानों का लोन माफ कर दिया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहनसिंह ने भी कहा था कि केंद्र सरकार यूपी के किसानों का लोन माफ करेगी। कृषिमंत्री के इस वादे पर विपक्ष ने सवाल भी उठाए थे।
अभी किसानों की ऋण माफी को लेकर अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन चल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से अपनी मांगों को लेकर तमिलनाडु के किसान दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। 29 मार्च को महाराष्ट्र के किसान भी कांग्रेस-एनसीपी के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन करने वाले हैं। ऐसे में यदि उत्तर प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाता है तो केंद्र द्वारा किया गया राजनीतिक पक्षपात माना जाएगा।