दिल्ली देश के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में शीर्ष पर है। जबकि भारत में हर साल वायु प्रदूषण के कारण 12 लाख लोग दम तोड़ देते हैं। बुधवार को जारी ग्रीनपीस की यह रिपोर्ट भयावह स्थिति की ओर इशारा कर रही है। यह रिपोर्ट कई राज्यों के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है।
24 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 168 शहरों की स्थिति पर ग्रीनपीस इंडिया द्वारा बनी इस रिपोर्ट का नाम वायु प्रदूषण का फैलता जहर है। इसमें बताया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और दक्षिण भारत के कुछ शहरों को छोड़कर भारत के किसी भी शहर में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मानकों की सीमा का पालन नहीं किया है।
दिल्ली की स्थिति-
देश के 20 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों का 2015 में वायु प्रदूषण का स्तर पीएम 10 (2) 268 से 168 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच रहा। इसमें 268 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दिल्ली शीर्ष पर है।
ग्रीनपीस का खुलासा-
भारत में हर साल वायु प्रदूषण से 12 लाख लोग दम तोड़ देते हैं
24 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 168 शहरों की स्थिति जानी
उत्तर भारत के ज्यादा शहर-
सीपीसीबी से आरटीआई के द्वारा प्राप्त सूचनाओं में पाया गया कि ज्यादातर प्रदूषित शहर उत्तर भारत के हैं। यह राजस्थान से होकर गंगा के मैदानी इलाके से होते हुए पश्चिम बंगाल तक फैले हुए हैं।
गाजियाबाद भी पीछे नहीं-
अन्य शहरों में गाजियाबाद, इलाहाबाद, बरेली, कानपुर, फरीदाबाद, झरिया, रांची, कुसेंदा, बस्टाकोला है। पटना का प्रदूषण स्तर पीएम 10, 258 से 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा।
जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला,पेट्रोल, डीजल का बढ़ता इस्तेमाल।
ये हैं उपाय-
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सबसे पहले ऊर्जा और यातायात के क्षेत्र में कोयला, पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधनों पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी।
कारगर उपाय नहीं हुए-
ग्रीनपीस के साथ काम करने वाले सुनील दहिया के मुताबिक, रिपोर्ट में शामिल शहरों ने इसे नियंत्रित करने का कोई कारगर उपाय नहीं किए। इसके कारण ये शहर वायु प्रदूषण के आधार पर रहने योग्य नहीं कहे जा सकते। यहां सांस लेना तक मुश्किल हो गया है।