डबरा/भितरवार। डबरा और भितरवार विकासखंड में 509 बच्चे अतिकुपोषित श्रेणी में शासकीय रिकॉर्ड के अनुसार दर्ज हैं, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर निर्धारित मेन्यू के अनुसार पोषण आहार नहीं दिया जा रहा है। भितरवार में 309 और डबरा विकासखंड में 200 बच्चे अतिकुपोषित हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर न तो बच्चों को नियमित खाना दिया जाता है न ही उनकी देखभाल की कोई व्यवस्था है। इतना ही नहीं प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर करीब 100 से अधिक बच्चों की संख्या दर्ज है और आते हैं 10 से 20 ही। गुरुवार को हमारे संवाददाता ने अंचल के आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल की तो हालात काफी चिंताजनक मिले।
दर्ज संख्या 256, बच्चे आए मात्र 6
आंगनबाड़ी केंद्रों की वस्तुस्थिति की पड़ताल करने भितरवार में हमारे संवाददाता सबसे पहले वार्ड क्रमांक 3 स्थिति आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे। यहां पर 90 में से मात्र 9 बच्चे ही मौजूद मिले। आंगनबाडी कार्यकर्ता कृष्णा शर्मा भी अनुपस्थित थी।ं इसके बाद वार्ड क्रमांक 8 में कार्यकर्ता शंकुलता बाई मिलीं और पर भी बच्चों की संख्या काफी कम थी। वार्ड क्रमांक 7 में रजिस्टर में 96 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन यहां पर 15 बच्चे ही मिले।
इसी प्रकार वार्ड क्रमांक 4 में 256 बच्चों में से महज 6 बच्चे ही उपस्थित मिले। वार्ड क्रमांक 15 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में 304 बच्चों में से सिर्फ 15 बच्चे मौजूद थे। वार्ड क्रमांक 5 में 166 बच्चों में से 20 बच्चे केंद्र पर मौजूद थे। वार्ड क्रमांक में 9 में 130 बच्चों में से 30 बच्चे उपस्थित मिले। बच्चों की उपस्थिति कम होने के बारे में संबंधित कार्यकर्ता व सहायिकाओं से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चे अपने रिश्तेदार के यहां गए हुए हैं। इसलिए इन दिनों कम बच्चे आ रहे हैं।
मेन्यू के अनुसार नहीं बना भोजन
गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्रों में मेन्यू के अनुसार दलिया, दाल और चावल दिए जाने थे, लेकिन इन केंद्रों पर महज दाल और चावल ही बच्चों को दिए गए। इस संबंध में कार्यकर्ताओं ने बताया कि जैसा खाना समूूह की ओर से आता है। हम वही खाना बच्चों को परोस देते हैं। मेन्यू के अनुसार खाना नहीं देने के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।
दाल के नाम पर पीला पानी
बच्चों को परोसे जाने वाली दाल को देखा तो उसमें दाल तो दिख ही नहीं रही थी। दाल के नाम पर सिर्फ पीला पानी चावल में मिलाकर बच्चे खा रहे थे। वहीं, चावल में भी कंकड़ दिखाई दिए। इस संबंध में कार्यकर्ताओं ने बताया कि प्रतिदिन ऐसा ही खाना समूह की ओर से दिया जाता है।
कागजों में तो सभी बच्चों का खाना बनता है
भितरवार ब्लॉक में संचालित प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर करीब 100 बच्चे हैं। कुछ की संख्या तो दो सैकड़ा से भी ऊपर हैं। प्रतिदिन इन केंद्रों पर 10 से 20 के बीच ही बच्चे आते हैं। हकीकत में भोजन भी 10 से 20 बच्चों का बनता है, लेकिन कागजों में केंद्र पर दर्ज संख्या के अनुसार प्रतिदिन भोजन परोसा जा रहा है।
पर्याप्त जगह भी नहीं
डबरा ब्लॉक की बात करें तो यहां पर 150 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं जो किराएके भवन में चल रहे हैं। इन केंद्रों पर स्वयं के भवन नहीं होने के चलते और पार्यप्त जगह नहीं होने से बच्चे कम ही उपस्थित रहते हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को संतुलित भोजन नहीं दिया जा रहा हैं तो जानकारी ली जाएगी। कार्यकर्ता व सहायिका के समय पर केंद्र न पहुंचने की बात हैं तो जल्द ही मैं निरीक्षण करूंगा।
-ब्रजेश त्रिपाठी, जिला परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग