बीजिंग: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत में छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढाने की जरुरत पर बल देते हुए आगाह किया है कि देश में कंपनियों और बैंकों की बैलेंश-शीट की कमजोरी, आर्थिक सुधारों की धीमी पडती गति और मंद निर्यात से पैदा चुनौतियां उसकी आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं. आईएमएफ ने हाल ही में जारी अनुमान में कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत रहेगी। इस वैश्विक संस्था का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था की आलत सुधर रही है और इसमें कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, सकारात्मक नीतिगत निर्णयों और बेहतर आत्मविश्वास ने काफी मदद मिली है.
अंतरराष्ट्रीय संस्थान ने यह बात वैश्विक आर्थिक संभावनाओं और चुनौतियों के बारे में अपने दस्तावेज ‘नोट ऑन ग्लोबल प्रॉस्पेक्टस एंड पॉलिसी चैलेंज’ दस्तावेज में कही है. यह दस्तावेज यहां होने वाली जी20 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों की यहां चल रही दो दिवसीय बैठक के लिए तैयार किया गया है