भोपाल। ब्यूरो वर्ष 2013 में हुई संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में गिरफ्तार दो शिक्षकों के अलावा उन अन्य लोगों के नाम भी जल्द सामने आ सकते हैं, जिन्होंने डीएड की फर्जी मार्कशीट के जरिए नौकरियां हासिल कीं। दरअसल, अब एसटीएफ फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड रहमान बेग से जब्त हार्ड डिस्क जांच के लिए दिल्ली पुलिस से ले रही है। इससे कई खुलासे हो सकते हैं।
रहमान को दिल्ली पुलिस ने फर्जी दस्तावेज से बैंक खाते खुलवाने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दौरान दिल्ली पुलिस ने रहमान की हार्डडिस्क और अन्य दस्तावेज भी कब्जे में लिए थे। एसटीएफ अब इस हार्डडिस्क का क्लोन बनवाकर उसे भोपाल लेकर आएगी। इधर रहमान की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।
इस दौरान एसटीएफ उसे ग्वालियर भी लेकर गई, जहां उसने यह फर्जी मार्कशीट तैयार की थी। अब तक हुई पूछताछ में रहमान ने सिर्फ उन्हीं दो लोगों की फर्जी मार्कशीट बनाने की बात स्वीकारी है जो कि मामले में पहले से ही जेल में हैं। एसटीएफ को उम्मीद है कि हार्डडिस्क में उन लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं जो अब तक एसटीएफ की राडार में नहीं हैं और जिनके लिए रहमान ने और भी फर्जी मार्कशीट तैयार की हो।
शातिर है रहमान
एसटीएफ की जानकारी के अनुसार रहमान बेहद शातिर है। वो ग्वालियर में एक कम्प्यूटर शॉप चलाता था, जहां से फर्जी मार्कशीट तैयार करता था। हर मार्कशीट के लिए वो 1.20 लाख रुपए वसूलता था। इसके अलावा रहमान दसवीं और बारहवीं की मार्कशीट में भी बेहद सफाई से नंबर बढ़ाने का काम करता था जिससे परीक्षाओं में चाहे गए न्यूनतम प्रतिशत की शर्त वो पूरी करवा सके। इसके लिए रहमान प्रति मार्कशीट 20 हजार रुपए तक लेता था। मामले में रहमान का साथ देने वाले रमेश कुशवाह, मुकेश शाक्य और कोमल उर्फ कुटट्न शर्मा को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।