पुसौर थाना क्षेत्र के नंदेली निवासी लाभ सिंह चौहान ढाई साल पहले रोजी रोटी की तलाश में बीबी बच्चों के साथ रायगढ़ आया था। यहां आकर उसकी पहचान चौक चौराहों में फ्लैक्स लगाने वाले ठेकेदार दिलीप कुमार बेहरा से हुई, जिसके पास वह बैनर फ्लैक्स लगाने का काम शुरू किया। 2014 के जून में शहीद चौक स्थित रामा डेंटल केयर में फ्लैक्स लगाने के दौरान वह अपने मित्र हेमप्रसाद के साथ हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया। जिससे उसके दोनों हाथ और दाहिना पैर झुलस गया था।
इसके बाद उन्हें शासकीय अस्पताल पहुंचाया गया। जहां प्राथमिक उपचार करने के बाद जिंदल व बाद में रायपुर स्थित रामकृष्ण मेडिकल केयर में भेजा गया। इसके कुछ दिन बाद उसे रायपुर के ही शासकीय अस्पताल मेकाहारा में इलाज के लिए दाखिल कराया गया। जहां चिकित्सकों ने उसके दोनों हाथ और एक पैर काट दिया। इस दौरान संबंधित ठेकेदार ने मजदूर परिवार को एक रुपए की आर्थिक मदद नहीं की है।
हालांकि उसने रायपुर के प्राइवेट अस्पताल का खर्च अदा किया। लाभ सिंह चौहान परिवार का इकलौता कमाने वाला था, हाथ पैर कट जाने के बाद वह बेकाम हो गया। यहां तक कि अब खाने के लिए भी वह मोहताज हो गया है। दो बच्चों में बड़े की उम्र 6 साल है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने से वह उसे स्कूल में भर्ती नहीं करा पा रहा हैं। ऐसे में जब उसने ठेकेदार से मुआवजे की मांग रखी तो ठेकेदार ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया। इसके बाद पति पत्नी, विधायक, कलेक्टर व एसपी के पास फरियाद लेकर पहुंचे, मगर उन्हें वहां भी न्याय नहीं मिला। लेकिन फिर भी पति-पत्नी हक की लड़ाई नहीं छोड़ रहे हैं। वह रोजाना कोतवाली व अजाक थाने का चक्कर काट रहे हैं, ताकि पुलिस उनकी बात सुने और दोषी ठेकेदार पर कार्रवाई हो सके।
कर्ज और मुआवजा के लिए कलेक्टर ने दिए थे निर्देश
दिव्यांग लाभ सिंह चौहान पिछले मार्च माह में कलेक्टर के पास अपनी शिकायत लेकर गया था, जहां उसकी हालत देखकर कलेक्टर ने तत्काल निर्देश जारी किये थे कि समाज कल्याण विभाग से उसे निःशक्तजन सामर्थ्य योजना के तहत कर्ज दी जाए। वहीं ठेकेदार दिलीप कुमार बेहरा को सख्त हिदायत दी थी कि वह तत्काल आहत को 1 लाख रुपए मुआवजा प्रदान करे। लेकिनउनके निर्देश का आज तक अनुपालन नहीं किया गया। इसके अलावा उनके बच्चों को स्कूल में दाखिल कराने का आदेश दिए थे। हैरत की बात तो यह है कि कलेक्टर के एक भी निर्देश का आज तक पालन नहीं किया गया।
पुलिस ने कहा नहीं मिली अस्पताल से तहरीर
मामले के दोषी ठेकेदार दिलीप कुमार बेहरा पर कार्रवाई के लिए पीड़ित अपनी पत्नी के साथ रोजाना थाने का चक्कर काट रहा है। सबसे पहले वह अजाक थाने में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। यहां पर उनकी शिकायत नहीं सुनी गई। इसके बाद वे कोतवाली थाने का चक्कर लगा रहे हैं। इधर पुलिस का कहना है कि घटना के बाद अस्पताल की तहरीर उनके पास नहीं पहुंची, जिससे वह कार्रवाई करने में असमर्थ हो रहे हैं।
मुआवजे की बात पर ठेकेदार ने की मारपीट
हादसे के वक्त रामा डेंटल क्लीनिक में लाभ सिंह चौहान और हेमप्रसाद दोनों होर्डिंग लगा रहे थे। हाईटेंशन तार की चपेट में आने के बाद लाभ सिंह और हेमप्रसाद दोनों ही झुलसे थे। ऐसे में पखवाड़े भर बीतने के बाद हेमप्रसाद की मौत हो गई। वहीं लाभ सिंह के रायपुर से लौटने के बाद जब दोनों प्रभावित परिवार ठेकेदार के पास पहुंचे तो उसने मृतक हेमप्रसाद के परिजन पर हाथापाई भी की। जिसके बाद वह मुआवजे की आस छोड़ दिए।
घटना दिनांक को हमें कोई तहरीर नहीं मिली, इसलिए हम इस घटना में किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, शिकायत मिली तो जांच की जा रही है।
धर्मानंद शुक्ला, प्रभारी सिटी कोतवाली