पांच ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था

ओसाका। भारतीय अर्थव्यवस्था कुछ ही बस में दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर पांच ट्रिलियन यानी 5,000 अरब डॉलर की हो जाएगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह भरोसा जताते हुए कहा कि भारत सरकार आर्थिक रफ्तार को और तेज करने के लिए सुधार कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में जुटी है।

इन आर्थिक सुधारों से भारत को सबसे तेज रफ्तार बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा बनाए रखने में मदद मिलेगी। साथ ही इस वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था और अधिक तेजी से विकसित होगी। फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था दो ट्रिलियन डॉलर की है।

छह दिवसीय जापान दौरे पर आए जेटली गुरुवार को यहां उद्योग चैंबर सीआइआइ और डीआइपीपी के इंडिया इंवेस्टमेंट प्रमोशन सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विश्व की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहद तेज बढ़ोतरी होना तय है।

हम हर कुछ साल में अपनी अर्थव्यवस्था में एक ट्रिलियन यानी 1,000 अरब डॉलर का इजाफा करने जा रहे हैं। यह इस बात का संकेत है कि हमारी अर्थव्यवस्था किस गति से विस्तार कर रही है।"

जेटली ने कहा कि जब दुनिया तेज रफ्तार से विकास कर रही है, तो वृद्धि आसान होती है। लेकिन जब ग्लोबल माहौल प्रतिकूल और घटते व्यापार के साथ बाधा डालने वाला हो, तो यह वास्तव में परीक्षा की घड़ी होती है।

प्रतिकूल ग्लोबल माहौल के बावजूद सरकार की विवेकपूर्ण नीतियों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर बीते वित्त वर्ष 2015-16 की जनवरी से मार्च की तिमाही में 7.9 फीसद पर पहुंच गई। पूरे वित्त वर्ष के लिए भी 7.6 प्रतिशत की बेहतर रफ्तार हासिल की।

इससे पहले ओसाका विश्वविद्यालय में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाएगी, ताकिसबसे तेज विकास दर वाली अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार रखा जा सके। इससे भारत को तुलनात्मक रूप में अधिकविकसित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।

यदि ऐसा कर पाए तो हम अपने आपको ऐसे समाज के तौर पर पेश कर पाएंगे, जो उभरती अर्थव्यवस्था से विकसित देश बनने की ओर बढ़ता है। जहां तकगरीबी उन्मूलन का सवाल है, इसकी बदौलत ही हम तेज रफ्तार ग्रोथ बरकरार रखते हुए उचित नतीजे हासिल कर सकेंगे।

 

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