दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फरमान के बाद अब किसानों की जमीन मूल स्वरूप में उन्हें लौटाई जाएगी। यहां 60 किसानों की 500 बीघा जमीन को समतल कर दिया गया था। सारी मेंड़ें तोड़ दी गई थीं। अब वापस पूरी जमीन का सीमांकन किया जाएगा। साथ ही जिस किसान की मेंड़ जहां थी, उसे वहां कायम किया जाएगा। जमीन भी जोतकर दी जाएगी।
सरकारी विभागों के लिए ये बड़ी कवायद होगी, लेकिन किसानों का नुकसान न हो, इसलिए ये सारा काम बारिश के पहले करके देना होगा। इसके लिए उज्जैन और इंदौर प्रशासन ने योजना बना ली है। जमीन का सारा रिकॉर्ड उज्जैन जिला प्रशासन के पास है, इसलिए सीमांकन तो उज्जैन के अधिकारी करेंगे, जबकि बाकी काम इंदौर प्रशासन करेगा। जमीन पर बने छोटे-बड़े सारे स्ट्रक्चर तोड़े जाएंगे।
जमीन को मूल स्वरूप में लौटाने के लिए 15 दिन का समय तय किया गया है। इस काम में राजस्व विभाग के अलावा कृषि, पीडब्ल्यूडी, पीएचई, जल संसाधन विभाग आदि को भी लगाया जा रहा है। कोशिश की जाएगी कि बारिश के पहले सारी जमीन ठीक कर दी जाए।
कमिश्नर संजय दुबे ने बताया कि किसानों की जमीन पर हेलीपैड आदि सारे स्ट्रक्चर हटाए जाएंगे और जमीन को मूल स्वरूप में किया जाएगा। ये काम समय-सीमा में किया जाएगा, ताकि बारिश होने पर किसान समय पर बोवनी कर सकें।