कर देने से बचने के लिए आमतौर पर बड़े-बड़े पूंजीपति और प्रभावशाली लोग कर चोरी के सुरक्षित ठिकानों का सहारा लेते हैं। गैरसरकारी संस्था ऑक्सफेम ने सभी अर्थशास्त्रियों को संगठित किया है। इनके मुताबिक कर चोरी से गरीब देशों के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में कोलंबिया विश्वविद्यालय के ज्योफ्री सैक्श भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कर चोरी के लिए मुफीद क्षेत्रों को सही नहीं ठहराया जा सकता है। गोपनीयता के पर्दे को हटाना ही पड़ेगा। पनामा पेपर्स लीक से कर चोरी में शामिल दुनिया भर के कई राष्ट्राध्यक्षों और नामी हस्तियों के नाम सामने आए हैं।