दरअसल, 2011 में जेनोआ शहर में रोमान ओस्ट्रियाकोव नामक शख्स को सुपरमार्केट से करीब पांच यूरो के कुछ खाने की चीजें चोरी करते पकड़ा गया, जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने फरवरी 2015 में उसे चोरी करने का दोषी माना गया और छह माह जेल व 100 यूरो जुर्माने की सजा सुनाई।
हाल ही में मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सरकारी वकील ने तर्क दिया कि रोमान को चोरी नहीं, बल्कि चोरी के प्रयास के मामले में दोषी मानना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे सुपरमार्केट के परिसर से बाहर निकलने के पहले ही पकड़ा गया था।
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हालांकि कोर्ट ने कहा कि आरोपी की स्थिति समझना बेहद जरूरी है। उसने भूख की तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया इसलिए खाना चोरी करना अपराध नहीं माना जा सकता।