मध्यप्रदेश- सेंट्रल बैंक किसान धोखाधड़ी में मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

इंदौर/भोपाल। किसानों के साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बीमा कंपनी चोला की धोखाधड़ी के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर 20 अप्रैल बुधवार को रायसेन-सागर कलेक्टर ने दो अधिकारियों को जांच सौंपी है।

ये अधिकारी तीन दिन में कलेक्टर को जांच रिपोर्ट सौंपेंगे। उधर हाई कोर्ट ने भी सागर के किसान धनीराम गुप्ता की याचिका पर मध्यप्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। जवाब पेश करने के लिए सागर पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है।

सागर एसपी ने देवरी एसडीओपी पीएल राज को जांच सौंपी है। पुलिस को 29 अप्रैल तक जबलपुर हाई कोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश करना है। उल्लेखनीय है कि सागर संभाग और रायसेन जिले में सेंट्रल बैंक ने किसान के्रडिट कार्ड से स्वास्थ्य बीमा के नाम पर रुपए काटकर बीमा कंपनी चोला के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे।

2012 से किसानों के रुपए कटते रहे और उन्हें पता ही नहीं चला। बैंक और बीमा कंपनी की इस धोखाधड़ी को नईदुनिया ने 21 मार्च को ‘फसल बीमा की जगह स्वास्थ्य बीमा कर हड़पा किसानों का पैसा" शीर्षक से प्रकाशित किया था।

महू में भी घोटाला

इंदौर संभाग के महू में भी सेंट्रल बीमा और चोला की मिलीभगत से किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कैलाश चंद्र, रूपनारायण कुल्मी, बद्रीलाल बेहरा, शंकरलाल जैसे सैकड़ांे किसानों के केसीसी खाते से रुपए काटकर सेंट्रल बैंक ने बीमा कंपनी चोला के खाते में ट्रांसफर कर दिए हैं। स्वास्थ्य बीमा के नाम से काटी गई इस राशि की जानकारी किसान को नहीं दी गई। नईदुनिया में खबर प्रकाशित होने के बाद इन किसानों ने खाते की एंट्री करवाई तो घोटाले का खुलासा हुआ।

मुख्यमंत्री के आदेश पर उपसंचालक कृषि एके उपाध्याय और जिला अल्पबचत अधिकारी खिलान सिंह को जांच सौंपी है। जांच रिपोर्ट के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

लोकेश कुमार जाटव, कलेक्टर, रायसेन

किसानों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है कि उनसे बिना पूछे केसीसी खाते से रुपए काटे गए हैं। हमें जांच कर हाई कोर्ट को जवाब देना है। इसी जांच के संबंध में किसानों के बयान लिए हैं।

पीएल राज, एसडीओपी, देवरी, जिला सागर

 

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