पिछले दो सालों से सूखे की मार झेल रहे देश के लिए अच्छी खबर है। मौसम विभाग ने इस साल मानसून के सामान्य से भी अच्छा रहने की संभावना व्यक्त की है। मानसून के चार महीनों जून से सितंबर के बीच 106 फीसदी बारिश होने की उम्मीद है। चार महीनों में सामान्यत 890 मिमी बारिश होती है। इस बार छह फीसदी अधिक करीब 943 मिमी तक बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के महानिदेशक डा. एल. एस. राठौर ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सामान्य और ज्यादा बारिश होने की संभावना 94 फीसदी है। जबकि सामान्य से कम या सूखा पड़ने की संभावना महज छह फीसदी है। राठौर ने बताया कि इस भविष्यवाणी में मॉडलीय त्रुटि पांच फीसदी तक हो सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि बारिश 111 या 101 फीसदी भी हो सकती है।
पांच माडलों का इस्तेमाल
भविष्यवाणी तैयार करने में मौसम विभाग ने पांच पैरामीटरों का इस्तेमाल किया है। इनमें उत्तरी अटलांटिक महासागर और उत्तरी प्रशांत महासागर के बीच का तापमान, दक्षिणी हिन्द महासागर में भूमध्य रेखीय तापमान, पूर्वी एशिया में औसत समुद्रीय दबाव क्षेत्र, उत्तर-पश्चिमी यूरोप में सतह का वायु तापमान, प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखीय उष्ण जल आयतन शामिल हैं।
उत्तर में अच्छी बारिश
राठौर ने कहा कि इस बार उत्तर पश्चिमी राज्यों में अच्छी बारिश की संभावना है। सूखा प्रभावित महाठवाड़ा आदि क्षेत्रों में अच्छी बारिश की उम्मीद है। देश के ज्यादातर हिस्सों में करीब-करीब अच्छी बारिश की संभावना है। जबकि दक्षिणी भारत, पूर्वोत्तण के कुछ हिस्सों में यह थोड़ी कम हो सकती है लेकिन यह कमी ज्यादा नहीं होगी। जून में मौसम विभाग एक और पूर्वानुमान जारी करेगा जिसमें क्षेत्रवार बारिश के वितरण का पूर्वानुमान जारी किया जाएगा।
अलनीनो कमजोर
उन्होंने कहा कि प्रशांत महासागर में अल नीनो अभी बना हुआ है। लेकिन यह कमजोर पड़ रहा है। बता दें कि पिछले साल अल नीनो के चलते सामान्य से 14 फीसदी कम बारिश हुई थी। इसके चलते इस साल जनवरी-फरवरी में भी अपेक्षाकृत ज्यादा गर्मी रही थी। उससे पिछले साल सामान्य से 11 फीसदी कम बारिश हुई थी। पिछले दो साल लगातार सूखे की चपेट में रहे हैं।