सोशल सेक्टर की कंपनियों ने किया 67 करोड़ का नुकसान

रायपुर। राज्य सरकार को पिछले सत्र में सोशल सेक्टर से जुड़ी सरकारी कंपनियों और कॉर्पोरेशन में वित्तीय प्रबंधन में खामियों के चलते करीब 67 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। सबसे बड़ा नुकसान ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने किया। ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन ने भारत में बनने वाली विदेशी शराब की कीमत टैक्स लगाकर बढ़ाने के बजाय अपने मार्जिन से इसे उसका भुगतान कर दिया।

इससे कंपनी को 53.65 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड ने केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशों का उल्लंघन किया और कोरबा ताप विद्युत गृह में राखड़ बांध के निर्माण के लिए 1.96 करोड़ स्र्पए का ठेका दे दिया। इसी तरह कंपनी ने सामान्य वित्तीय नियमों का भी उल्लंघन करते हुए 1.11 करोड़ स्र्पए का बगैर ब्याज के मोबीलाइजेशन एडवांस दिया जिससे 23.13 लाख स्र्पए का ब्याज में नुकसान हुआ।

इसी तरह विद्युत उत्पादन कंपनी ने पानी का उपयोग शुरू करने के लिए कमिटमेंट चार्जेस के भुगतान में देरी की जिससे 57.67 लाख स्र्पए दंड स्वरूप ब्याज में नुकसान हुआ। छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने आपूर्तिकर्ता से कम दर में शास्ति की वसूली की जिससे कंपनी को 1.22 करोड़ का नुकसान हुआ।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली बिल की वसूली के लिए इनपुट आधारित फ्रेंचाइजी प्रणाली के बजाय पुराने राजस्व आधारित फ्रेंचाइजी प्रणाली को चालू रखने के कारण फ्रेंचाइजियों को 67.40 लाख का अतिरिक्त कमिशन दिया। इसी तरह विद्युत पारेषण कंपनी ने साखपत्र लेने में देरी और पूलिंग सब स्टेशन से उपभोक्ता को अलग करने में देरी के कारण 71.23 लाख स्र्पयों की वसूली नहीं हो पाई।

संविदा कर्मचारियों को ज्यादा वेतन

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस निगम लिमिटेड ने बगैर किसी अनुमोदित सेटअप के संविदा कर्मचारियों की भर्ती कर ली। शासन के निर्देशों और नियमों का उल्लंघन करते हुए अधिक वेतन कर्मचारियों को बांट दिया जिससे करीब 56.98 लाख स्र्पए का नुकसान हुआ। पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने आटो स्वीप सुविधा का उपयोग न कर 5.98 करोड़ स्र्पए का नुकसान पहुंचाया।

बीज निगम में 8 करोड़ का घाटा

छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड ने कर अग्रिम जमा करने एवं समय पर आयकर विवरणियों को दाखिल नहीं करने के कारण 8.38 करोड़ स्र्पए बतौर सरचार्ज भुगतान कर नुकसान किया। इसी तरह मध्यप्रदेश कृषि भण्डारगृह अधिनियम 1947 के प्रावधानों के मुताबिक अपने भण्डारगृहों में जमा कृषि उपज का बीमा नहीं कराया जिससे 85.62 लाख स्र्पए का नुकसान हुआ।

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