झारखंड में मलेरिया का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. मच्छरों के काटने से होनेवाली इस बीमार से आज भी झारखंड के लोग ग्रसित हैं. वर्ष 2015 में स्वास्थ्य विभाग को हर दिन 286 मलेरिया के मरीज मिल रहे थे. पूरे वर्ष में कुल एक लाख चार हजार 450 मलेरिया प्रभावित मरीजों की पहचान की गयी. मलेरिया से 2015 में नौ लोगों की मौत हुई है.
हालांकि स्वास्थ्य विभाग इनमें से चार मौत को संदिग्ध की सूची में रखा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य भर में 20 लाख 58 हजार 238 रक्त नमूनों की जांच की गयी थी, जिसमें 1,04,450 लोग मलेरिया से प्रभावित पाये गये थे. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को देखें, तो राज्य के 24 जिलों में सबसे ज्यादा खतरा प सिंहभूम में है. यहां मलेरिया से ग्रसित सबसे अधिक मरीज पाये गये हैं. दिसंबर 2015 तक यहां 16,610 लोग मलेरिया से ग्रसित मिले. दूसरा सबसे प्रभावित इलाका है लातेहार जिला. यहां दिसंबर 2015 तक 12,999 मरीज मिले हैं.