रायपुर। छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाले सुगंधित चावल की स्थानीय किस्मों को ब्रांड के रूप में डेवलप करेंगे। इन ब्रांड की राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग होगी। वहीं फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर स्थानीय स्तर पर ढेरों प्रोडक्ट तैयार करने को लेकर भी सहमति दिखी।
सम्मेलन में पहुंचे मिलर्स को यह सुझाव कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दिया, जिस पर उन्होंने सहमति जताई। श्री अग्रवाल ने कहा कि चावल छत्तीसगढ़ की ताकत है। ढेरों सुगंधित वेराइटी है, जिसका उत्पादन कर ब्रांड के रूप में विकसित किया जाए तो यहां के मिलर्स को खासा फायदा होगा, वहीं प्रदेश का नाम भी होगा। अभी छत्तीसगढ़ में चावल का अपना कोई बड़ा ब्रांड नहीं है। मिलर्स ने इस पर सहमति जताई।
फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर चावल सहित कई अन्य खाद्यान्नों के प्रोडक्ट तैयार करने की संभावनाओं पर भी सम्मेलन में चर्चा हुई। मिलर्स इस बात को लेकर भी सहमत दिखे कि अपने ब्रांड का चावल किसानों से तैयार कराया जाए, जिससे उनकी आजीविका भी अच्छी तरह चले और मिलर्स को पर्याप्त उत्पाद मिलता रहे। सम्मेलन की अध्यक्षता खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री पुन्नूलाल मोहले ने की।
गैस सब्सिडी छोड़ी
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप की अपील पर राज्य के लगभग एक हजार 600 राइस मिल मालिकों ने यहां सर्वसम्मति से गैस सब्सिडी छोड़ने का ऐलान किया। मुख्य अतिथि की आसंदी से मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि अन्य उद्योंगों की अपेक्षा रोजगार की दृष्टि से राइस मिल उद्योग ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। एक-एक राइस मिल से लगभग तीन-चार सौ लोगों को रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के उपरांत राइस मिल उद्योग में काफी तरक्की हुई है।