सीएम ने दी थी तारीख इस‍लिए बंद डायलिसिस मशीनों का ही कर दिया लोकार्पण

प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस मशीन तय तारीख (26 जनवरी) पर शुरू नहीं हो पाई। कुछ जिलों में मशीन इंस्टॉल करने के लिए कंपनी की ओर से इंजीनियर नहीं पहुंचे तो कुछ जगह अस्पताल प्रबंधन ही मशीन शुरू कराने के लिए जरूरी इंतजाम नहीं कर पाया। ऐसे में जनप्रतिनिधियों ने 26 जनवरी को बंद मशीनों का ही लोकार्पण कर दिया। खासबात यह है कि सभी अस्पतालों को मशीनें दो माह पहले भेज दी गई थी, फिर भी अस्पताल प्रबंधन मशीन इंस्टॉल नहीं करा पाए। इधर स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह का कहना है कि पूरी तरह शुरू होने में अभी सात दिन और लगेंगे।

कंपनी के इंजीनियरों ने फोन रिसीव करना ही बंद किया:

सागर और दमोह जिले में डायलिसिस मशीन इंस्टॉल कराने के लिए अस्पताल प्रबंधन कंपनी के इंजीनियर व तकनीशियनों को फोन लगा रहा है, लेकिन वे फोन ही रिसीव नहीं कर रहे हैं। प्रबंधन को चिंता सता रही है कि कहीं मशीन शुरू न होने का खामियाजा उन्हें न भुगतना पड़े।

बीपीएल को फ्री, एपीएल से पांच सौ रुपए

बीपीएल के मरीजों के लिए डायलिसिस कराना फ्री रहेगा, जबकि एपीएल के मरीजों से एक बार में पांच सौ रुपए लिए जाएंगे। बीपीएल के लिए रजिस्ट्रेशन भी फ्री रहेगा। एपीएल को एक हजार रुपए देकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

इन जिलों में डायलिसिस शुरू नहीं:

सागर, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, अशोकनगर, सीहोर, बैतूल, हरदा, गुना, ग्वालियर, दमोह, सिंगरौली, डिंडौरी, सिवनी, मंदसौर, नीमच, धार, झाबुआ, आलीराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, उज्जैन में मशीन शुरू नहीं हुई।

अभी मशीन तो सभी जिलों में पहुंच गई है। लेकिन पूरी तरह चालू होने में कम से कम सात दिन लगेंगे। कुछ जिलों में इंजीनियरों की कमी के कारण मशीन इंस्टॉल नहीं हो पाई। जहां इंस्टॉल हो गई, लेकिन कोई तकनीकी समस्या आ गई। सभी कमियों को सात दिन में दूर कर लेंगे।

– गौरी सिंह, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग मप्र शासन

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