नई दिल्ली। चीन की मुद्रा के अवमूल्यन ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, यह भारतीय निर्यात को महंगा कर देगा। केंद्र चीन से सस्ते आयात पर अंकुश लगाने के लिए एंटी-डंपिंग ड्यूटी सहित आवश्यक कदम उठा सकता है। शुक्रवार को व्यापार, विकास व संवर्धन परिषद की पहली बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि युआन का अवमूल्यन होने से भारत को चीन से आयात सस्ता होगा। इससे व्यापार घाटे में इजाफा होगा। भारतीय उत्पाद ज्यादा महंगे हो जाएंगे। ये स्थितियां चिंताजनक हैं।
2014-2015 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 72.3 अरब डॉलर रहा। इसमें 49 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था। बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर सरकार और भारतीय उद्योग समय-समय पर चिंता जताते रहे हैं। सरकार चीन के बाजारों में कृषि, आइटी और फार्मास्यूटिकल्स जैसे भारतीय उत्पादों की ज्यादा पहुंच की मांग करती रही है।
समस्या से निपटने के बारे में कार्ययोजना के बारे में पूछे जाने पर निर्मला ने कहा कि चीन से आयात होने वाले हर एक उत्पाद पर नजर रखी जाएगी। ऐसा कोई भी आइटम जो घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचाएगा, उस पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी जैसे उपायों के जरिये अंकुश लगाया जाएगा। वाणिज्य मंत्री का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन के केंद्रीय बैंक ने अपनी मुद्रा का 0.51 फीसद अवमूल्यन किया है। भारत पहले ही चीन से आयात होने वाले विभिन्न उत्पादों पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगा चुका है। इसमें केमिकल, आयरन और स्टील सेक्टर शामिल हैं। सस्ते स्टील आयात पर अंकुश लगाने के मकसद से भारतीय स्टील उद्योग ने सरकार से इसके न्यूनतम आयात मूल्य तय करने की मांग की है।