विदेशों में जमा कालेधन की घोषणा के लिए दी गई एकबारगी अनुपालन खिड़की सुविधा के तहत सरकार ने 2,428़4 करोड़ रुपये का कर वसूला है। पिछले साल संपन्न हुई इस अनुपालन खिड़की के तहत 644 घोषणाएं की गई थी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी)ने बयान मंे कहा कि उसे यह राशि कर और जुर्माने केरूप में 31 दिसंबर तक मिली है। हालांकि, यह राशि पूर्व के अनुमानों से कुछ कम है। बयान के मुताबिक जो घोषणाएं की गई थीं, उनमें से कुछ की जानकारी पहले ही अधिकारियों को थी। इसलिए वे इस योजना का लाभ उठाने के पात्र नहीं थे। वहीं, कुछ मामलों में कर का भुगतान 31 दिसंबर के बाद हुआ।
बयान में कहा गया है कि नए कालाधन रोधक कानून के तहत 90 दिन की अनुपालन खिड़की सुविधा 30 सितंबर, 2015 को बंद हुई। इस दौरान कुल 4,164 करोड़ रुपये के कालेधन के बारे में 644 घोषणाएं की गईं। बेहिसाबी धन के बारे में घोषणा करने वालों को घोषित राशि पर 30 प्रतिशत कर और 30 प्रतिशत जुर्माना 31 दिसंबर, 2015 तक चुकाना था। अधिकारियांे ने कहा कि 31 दिसंबर के बाद भी कुछ भुगतान हुआ है। ऐसे में यह राशि कुछ और बढ़ेगी
गौरतलब है कि अघोषित विदेशी आय और आस्ति (कर अधिरोपण) कानून 2015,1 जुलाई, 2015 को प्रभाव मंे आया था। इस कानून के तहत 30 सितंबर 2015 तक स्वयं विदेशों में जमा अवैध संपत्ति की घोषणा करने पर 30 फीसदी कर और 30 फीसदी जुर्माना देने का विकल्प दिया गया था। ऐसा करने वालों पर कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं करने का भरोसा दिया गया था। इसके बाद संपत्ति का पता चलने पर 120 फीसदी कर व जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसके साथ दस साल तक जेल हो सकती है।