समिति के आंकड़े के मुताबिक ही साल 2003में राज्य में सिर्फ 3395 पॉजिटिव मरीज थे, जबकि 13 साल में आंकड़ा 22 हजार पर जा पहुंचा है। इनमें 37 फीसदी महिलाएं, 63 फीसदी पुरुष मरीज हैं। वहीं 25-49 आयुवर्ग के सर्वाधिक मरीज रजिस्टर्ड हैं। यह स्थिति तब है, जब राज्य में 45 एनजीओ एचआईवी पीड़ित मरीजों के लिए सेवारत हैं। नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन (नॉको) 28 करोड़ का बजट देती है।
‘नईदुनिया’ पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश के कई जिले अभी भी अछूते हैं, जहां एचआईवी मरीजों की जांच-परामर्श की व्यवस्था नहीं है, लोग जागरूक नहीं हैं। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर कैंप जरूर लगाए जाते हैं।
युवाओं का एचआईवी एड्स से पीड़ित होना समिति, शासन दोनों के लिए बड़ी चिंता का कारण है, इसलिए पूरा फोकस 25-49 आयु वर्ग पर ही है। प्रदेश में गर्भवती से जन्मे बच्चे में एचआईवी संक्रमित होने की संभावना काफी कम है। नई दवा मल्टी ड्रग थैरेपी के इस्तेमाल बीते साल सिर्फ 181 में 2 पॉजिटिव बच्चे जन्मे हैं।
किस जिले में कितने मरीज-
रायपुर- 7827, दुर्ग- 3720, बिलासपुर- 3635, राजनांदगांव- 14329, जगदलपुर- 1360, कवर्धा- 695, महासमुंद- 692, सरगुजा- 214, कोरबा- 505, रायगढ़- 382, कोरिया 272, जांजगीर चांपा- 245, धमतरी- 214, कांकेर – 191, जशपुर- 146, दंतेवाड़ा- 104, नारायणपुर- 20, बीजापुर- 01 (नोट- इनमें बलौदाबाजार, मुंगेली, बालोद, बेमेतरा शामिल हैं। अक्टूबर 2015 तक)
कहां करवाएं जांच-
5 एआरटी सेंटर-
डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल रायपुर, जिला अस्पताल दुर्ग, छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सिम्स) बिलासपुर, महारानी अस्पताल जगदलपुर, जिला अस्पताल सरगुजा । मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल में 30 सुरक्षा क्लिनिक संचालित हो रहे हैं। जहां पर गुप्त रोग व यौन रोग से संबंधित बीमारियों की जांच एवं परामर्श दिया जाता है। राज्य के 04 स्थानों पर गर्भवति की जांच के लिए पीपीटीसीटी सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा 114 आईसीटीसी में भी गर्भवती की भी जांच की व्यवस्था है।
45 एनजीओ हाई रिस्क ग्रुप के लिए-
राज्य में 45 एनजीओ कार्यरत हैं, जिनका काम हाई रिस्क ग्रुप पर नजर रखना है। जिले के ट्रांसपोर्ट नगर, प्रवासियों के लिए एचआईवी-एड्स के प्रति जागरूक करना है। फीमेल सेक्स वर्कर, होमोसेक्सुअल, ट्रकर्स, ड्रग लेने वाले को न सिर्फ ढूंढ़ना, बल्कि उनका पंजीयन करवाना, नियमित दवाइयां दिलवाना और एड्स के प्रति जागरूक करना है।
40 हजार का लक्ष्य
हमारा लक्ष्य राज्य में 40 हजार एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को ढूंढ़ने का है, जो अनुमानित है। एचआईवी मरीजों के लिए जो योजनाएं संचालित हैं, अभी उन्हीं पर काम हो रहा है।जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ेगी,लोग जांच करवाने पहुंचेंगे। – डॉ. एसके बिंझवार, अतिरिक्त परियोजना संचालक, सीजीसैक्स