स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल डेंगू से प्रदेश में किसी की भी जान नहीं गई। जबकि पिछले साल अकेले रायपुर शहर में 8 लोगों की मौत डेंगू से हुई थी। ‘नईदुनिया’ ने कुछ निजी और जिला अस्पताल रायपुर, डॉ. अंबेडकर अस्पताल से डेंगू के मरीजों की जानकारी ली। यहां 2-3 मरीज भर्ती हैं, जिनकी स्थिति सामान्य है।
इस साल डेंगू पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पहले ही फील्ड में उतार दिया था। सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य संचालक की तरफ से जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ), जिला सिविल सर्जन को कड़े निर्देश थे कि डेंगू से मौत होने पर कार्रवाई तय है, जिसके बाद जिला स्तर पर अधिकारी, कर्मचारी अलर्ट रहे। अभी 15-30 सितंबर तक मरीजों को घर-घर ढूंढ़ने की कवायद चल रही है। पूरा स्वास्थ्य अमला डेंगू के साथ-साथ मलेरिया, कुष्ठ के मरीजों की खोज कर रहा है।
सतर्क हम भी रहें
डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है, जैसे गमले, डब्बों, टायरों, टंकियों, कुलर और खुले में रखे पात्र, जिनमें पानी जमा होता है। इसलिए इनमें पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। इसे ही लार्वा नियंत्रण का बेहतर तरीका माना जाता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है, इसलिए पूरीबांह वाले कपड़े पहनें। तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, बदन दर्द, सिर दर्द इसके प्रारंभिक लक्षण हैं। इसलिए तत्काल डॉक्टर के पास जाएं और जांच करवाएं। क्योंकि थोड़े सतर्क रहेंगे तो डेंगू से बच सकेंगे।
मरीज ढूंढ़ने में लगे हैं
स्वास्थ्य कार्यकर्ता लगातार घर-घर जाकर डेंगू मरीजों को ढूंढ़ने में लगे हुए हैं। क्योंकि मरीज कई बार खुद इलाज करवाने नहीं पहुंचता, इसलिए अभियान चलाया जा रहा है। अब तक कोई मौत नहीं हुई है। स्थिति बिल्कुल नियंत्रण में है। – डॉ. खेमराज सोनवानी, स्टेट नोडल अधिकारी, आईडीएसपी