1500 करोड़ की 30 हजार योजनाएं बनी डेड एसेट‍्स

रांची : राज्य में 1500 करोड़ रुपये की करीब 30 हजार योजनाएं डेड एसेट‍्स‍ में तब्दील हो गयी हैं. इनमें सड़क, पुल-पुलिया, इंदिरा आवास, मनरेगा सहित विधायक कोष से संचालित होनेवाली योजनाएं भी शामिल हैं. वित्त सह योजना विभाग के प्रधान सचिव अमित खरे ने सभी जिलों से डेड एसेट‍्स में तब्दील हो चुकी योजनाओं का ब्योरा मंगाया था. साथ ही इसके कारणों की भी जानकारी मांगी थी. जिलों की ओर से भेजी गयी सूची के विश्लेषण से ही इसकी जानकारी मिली है. 
2881 योजनाओं के कारणों का ही उल्लेख : जिलों ने अपनी रिपोर्ट में डेड एसेट‍्स में तब्दील हो चुकी 2881 योजनाओं के कारणों का उल्लेख किया. हालांकि विधायक कोष, मनरेगा व कुछ इंदिरा आवास योजनाओं के डेड एसेट‍्स में तब्दील होने के कारणों का उल्लेख नहीं किया है. आंकड़ों के विश्लेषण से इस बात की जानकारी मिली है कि रांची जिले ने 726 इंदिरा आवास योजना के डेड एसेट‍्स में तब्दील होने के कारण नहीं बताये हैं. 
बोकारो जिले ने भी मनरेगा की 5707 और इंदिरा आवास की 4281 योजनाओं के डेड एसेट‍्स में तब्दील होने के कारणों की जानकारी नहीं दी है. सबसे चौंकानेवाले आंकड़े गढ़वा जिले के हैं. गढ़वा में इंदिरा आवास की 16887 योजनाएं आवंटन के अभाव में डेड एसेट‍्स में तब्दील हो गयी हैं. लातेहार जिले में विधायक कोष से शुरू की गयी 292 योजनाएं भी डेड एसेट‍्स में तब्दील हो गयी हैं. लातेहार ने भी इसके कारणों की जानकारी नहीं दी है. 
जमीन विवाद से 161 योजनाएं बेकार 
जमीन विवाद की वजह से 161 योजनाएं डेड एसेट‍्स में तब्दील हो गयी हैं
ठेकेदारों पर प्राथमिकी से 146 योजनाएं बेकार 
जिलों के आंकड़ों के अनुसार, गड़बड़ी के आरोप में ठेकेदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की वजह के कुल 146 योजनाओं का काम बंद हो गया है. इनमें सबसे ज्यादा 59 योजनाएं चाईबासा में और 52 योजनाएं चतरा जिले में हैं. 

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