पिछले एक महीने में यह चौथी घटना है, जिसमें रोटी खाने के बाद लोगो को लकवे का असर हुआ है। देहगाम के नंदोल गांव के पटेल परिवार तथा धारीसणा गांव के सैयद परिवार के 15 सदस्यों के हाथ-पैर अचानक जकड़ गए।
उन्हें तुरंत ही उपचार के लिए देहगाम अस्तपाल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों की सलाह के बाद अहमदबाद सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया।
सिविल अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार, गेहूं में मिले किसी पदार्थ की वजर से इनके हाथ-पैर की नसें जकड़ गई हैं। पीड़ित लोगों का फिजियोथेरेपी पद्धति से उपचार किया जा रहा है। सात लोगों की हालत में सुधार होने से उन्हें छुट्टी दी गई है।
उधर स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना स्थल पर पहुंच कर गेहूं के नमूना लेकर उसे जांच के लिए लैब भेजा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की एक टीम द्वारा पूरे इलाके में सर्वे की कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि गेंहू को घुन से बचाने के लिए एरंड़ा का तेल लगाकर वर्ष भर के लिए गेंहू रखा जाता है। एक महीने पूर्व देहगाम के ही अनुराधा सोसायटी, उमियापार्क तथा मार्केट क्षेत्र में 17 व्यक्तियों इसी तरह का लकवा का असर हुआ था।
इन तमाम लोगों ने बिगड़े नहीं इसलिए एरड़ा का तेल लगाकर गेंहू का संग्रह किया था। स्वास्थ्य विभाग की जांच में इन तमाम लोगों ने निकट के करियाणा की दुकान से एरड़ा के तेल खरीदे थे। जांच में यह निम्न स्तर का तेल पाया गया