बिहारः घर में शौचालय नहीं तो नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव

पटना। अब बिहार में मुखिया, जिला बोर्ड अध्यक्ष या वार्ड सदस्य बनने के लिए चुनाव लड़ने वाले शख्स के घर में शौचालय अनिवार्य हो गया है। घर में शौचालय नहीं होने की स्थिति में उम्मीदवार को बिहार के किसी भी चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

बिहार विधानसभा में बुधवार को पारित किए गए बिहार पंचायत राज (संशोधन) बिल, 2015 में होने वाले सभी तरह के चुनावों के नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। इनमें उम्मीदवार के घर में शौचालय होना भी एक है। यह नियम 31 जनवरी, 2016 से लागू हो जाएगा।

विधानसभा में बिल पेश करने वाले बिहार के पंचायती राज मंत्री विनोद प्रसाद यादव ने कहा, ‘किसी भी चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करते समय एक शपथ-पत्र देना होगा, जिसमें वह यह दावा करेगा कि उसके घर में शौचालय है।’

विनोद आगे बताते हैं, ‘इस नियम से हम ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय और स्वच्छता सुनिश्चित करना चाहते हैं। गांव में अधिकांश लोगों के घर में शौचालय नहीं होता और लोग खेतों में जाते हैं। इससे आसपास का वातावरण दूषित होता है।’

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि बिहार में ‘हर घर में शौचालय’ प्रावधान लाकर गुजरात की नकल की गई है। गुजरात में इसी तरह का प्रस्ताव पीएम मोदी द्वारा ‘स्वच्छ भारत अभियान’ शुरू करने से ठीक एक दिन पहले 1 अक्टूबर 2014 को पारित किया गया था।’

हालांकि, मंत्री विनोद यादव ने कहा कि उन्हें गुजरात में ऐसे किसी प्रावधान के बारे में जानकारी नहीं है।

 

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