महंगाई 6% से नीचे बनी रहेगी तो ही RBI घटाएगा ब्‍याज दरें: राजन

नई दिल्‍ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंक उसी वक्‍त ब्‍याज दरों में कटौती करेगा, जब उसे यकीन हो जाएगा कि दरें घटने के बाद भी महंगाई 6 फीसदी से नीचे बनी रहेगी। उन्‍होंने जनवरी-मार्च 2016 में खुदरा महंगाई के करीब 6.1 फीसदी पर रहने का अनुमान है।
आरबीआई गवर्नर राजन ने बुधवार को एक इंटरव्यू में कहा कि हम दरों में कटौती उसी समय करेंगे, जब इसका भरोसा हो जाएगा कि कटौती के बाद भी महंगाई 6 फीसदी से नीचे रहेगी। वास्‍तव में, वह इससे नीचे ही रहनी चाहिए। यही वजह है कि हम इस पर विचार कर रहे हैं कि ब्‍याज दरों में कटौती की कितनी गुंजाइश है। मंगलवार को मौद्रिक पॉलिसी समीक्षा में आरबीआई गवर्नर ने पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। हालांकि, राजन ने 29 सितंबर की अगली मौद्रिक पॉलिसी समीक्षा से पहले दरों में कटौती के संकेत दिए हैं।
इस साल जनवरी से अबतक रिजर्व बैंक तीन बार में 0.75 फीसदी रेपो रेट घटा चुका है। राजन ने कहा कि लोगों के बीच यह धारणा है कि महंगाई दूध और सब्जियों की कीमतों में तेजी के चलते बढ़ी है, जो कि चिंताजनक है। जून में सालाना आधार पर खुदरा महंगाई दर 8 माह के टॉप स्‍तर 5.4 फीसदी पर दर्ज की गई। रिजर्व बैंक मौद्रिक पॉलिसी की समीक्षा में खुदरा महंगाई पर नजर रखता है।
एमपीसी के लिए संवैधानिक बदलाव की जरूरत
मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) और पब्लिक डेट मैनेजमेंट एजेंसी (पीडीएमए) के प्रस्‍तावित गठन पर राजन ने कहा कि इसके लिए संवैधानिक बदलाव की जरूरत होगी और इसमें समय लगेगा। मंगलवार को राजन ने ब्‍याज दरें तय करने में केंद्रीय बैंक प्रमुख के वीटो पावर को समाप्‍त करने के प्रस्‍ताव पर सहमति जताई थी। उन्‍होंने कहा था कि यह बेहतर होगा, कि एक व्‍यक्ति की बजाय एक कमेटी ब्‍याज दरों तय करने पर फैसला करे। गौरतलब है कि बजट 2015-16 में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी डेट के मैनेजमेंट के लिए पीडीएम के गठन का प्रस्‍ताव रखा था।

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