राजस्थान में खनिज सम्पदा प्रचुर मात्रा में है और अब कई मेजर मिनरल्स के खनन का अधिकार राज्य सरकार को ही मिल गया है। ऐसे में राजस्थान सरकार नवम्बर मे होने वाले रिसर्जेंट राजस्थान निवेष सम्मेलन में प्रदेश में खनिज क्षेत्र में बडे निवेष की उम्मीद कर रही है।
राजस्थान सरकार की कोशिश है कि यहा खनन क्षेत्र में विदेश निवेशी आए। यही कारण था कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दो दिन पहले दिल्ली में बीस देषों के राजदूतों के सम्मेलन में खनिज नीति जारी की। जानकारों का मानना है कि एक साथ 50 वर्ष के लिए खान आवंटन का प्रावधान भी इसी दृष्टि से किया गया है कि इस क्षेत्र.में सरकार कुछ बडी कम्पनियों को लाना चाहती है। एक साथ इतने वर्ष के लिए खान मिलने से निष्चित रूप से बडे निवेशक आकर्षित होंगे।
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राजस्थान में खनन से राज्य सरकार को 4.4 फीसदी आय होती है और करीब 33 लाख लोग इससे प्रत्यक्ष और और सरकार की कोषिष है कि इसे और बढाया जाए। नीति में भी यह कहा गया है और इसके लिए मौजूदा 0.54 प्रतिषत खनन क्षेत्र को बढा कर 1.5 प्रतिषत किया जा रहा है जो करीब 1846 वर्ग किमी होगा।
नए खनिज क्षेत्र खोजने के लिए सरकार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की कम्पनियों से सर्वेक्षण कराएगी। इसके साथ ही खनन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एक ट्रस्ट भी स्थापित किया जाएगा। इस ट्रस्ट में सरकार और खान मालिक प्रतिमाह कुछ राषि जमा कराएंगे, जिससे पर्यावरण संतुलन का काम किया जाएगा। इसके अलावा अवैध खनन पर अब सजा दो के बजाए पांच साल और जुर्माना 25 हजार के बजाए पांच लाख रूपए कर दिया गया है।