उप्र में 70-80 फीसद तक फसलों को नुकसान

कानपुर। फसलों की बर्बादी का आकलन करने आई केंद्रीय टीम ने गुरुवार को कानपुर देहात, बांदा, इटावा व हमीरपुर जिलों का दौरा किया। टीम ने माना कि कानपुर देहात में 70 से 80 फीसद फसल नष्ट हो गई है। करीब यही हाल अन्य जिलों का भी है।

कानपुर देहात में केंद्रीय कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव आशीष कुमार भूटानी, अनुश्रवण विभाग की निदेशक वंदना सिंह, सचिव राजीव कुमार सेन की टीम जिलाधिकारी कुमार रविकांत सिंह के साथ भोगनीपुर के मलासा, घार व जरसेन गांव पहुंची। यहां फसलों की क्षति का आंकलन किया और किसानों से बातचीत की।

संयुक्त सचिव ने बताया कि जिले में फसलों को 70 से 80 फीसद का नुकसान हुआ है। हमीरपुर में तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम ने सबसे पहले सदर क्षेत्र के पारा ओझी और सिडरा गांव का निरीक्षण किया। टीम ने माना कि यहां भी 80 फीसद तक नुकसान हुआ है। किसान राजेन्द्र सिंह सचान ने बताया कि पैदावार कुछ भी होने की उम्मीद नहीं है। काले दाने निकल रहे हैं।

किसानों के लिए पीएम चिंतित : जावड़ेकर

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि अब बेमौसम बारिश को केंद्र सरकार ने दैवीय आपदा मान लिया है। उन किसानों को भी मुआवजा मिलेगा, जिनकी फसल 33 फीसद भी बर्बाद हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के लिए सोचते हैं। सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गांव पालदेव आए जावड़ेकर ने कहा कि फसल नुकसान की 50 फीसद सीमा को भी खत्म कर दिया गया है, अब 33 फीसद नुकसान पर भी मुआवजा मिलेगा।

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