यूरोपीय संघ ने पिछले वर्ष 01 मई को भारतीय आमों तथा चार सब्जियों – टैरो पौधा (अरबी प्रजाति की अन्य सब्जियां), बैंगन, चिचंडा और करेला मे कीटनाशक तत्व पाए जाने के कारण इन्हें अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया था। सऊदी अरब ने भी शिमला मिर्च के आयात पर प्रतिबंध लगाया है।
सूत्रों के मुताबिक आयातक देशों के नियमों, विनियमों और मानकों का अनुपालन नहीं किए जाने पर संबंधित देश समय-समय पर प्रतिबंध लगा देते हैं। यूरोपीय संघ ने भारत से भारतीय आमों तथा चार सब्जियों – टैरो पौधा, बैंगन, चिचंडा और करेला के आयात को पिछले वर्ष 01 मई से प्रतिबंधित कर दिया था।
इसी प्रकार, सऊदी अरब ने भी शिमला मिर्च में कीटनाशकों की मौजूदगी के कारण आयात पर अस्थायी रोक लगा दी है। वित्त वर्ष 2014-15 (अप्रैल-जनवरी) के दौरान भारत से ताजे फलों और सब्जियों के निर्यात में 2013-14 की इसी अवधि की तुलना में 14.02 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि सरकार का कहना है कि इस गिरावट के लिए चंद देशों की रोक को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता।
फलों एवं सब्जियों सहित कृषि वस्तुओं का निर्यात अंतरराष्ट्रीय मांग एवं आपूर्ति की स्थिति, देश में निर्यात योग्य उपलब्धता, अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू कीमतों की स्थिति आदि पर निर्भर करता है। यूरोपीय संघ के देशों में प्रतिबंध के मुद्दे को भारत ने हरसंभव मंच पर उठाया है। सितंबर, 2014 में यूरोपीय संघ के एक दल ने भारत का दौरा किया है और उनके मानकों के अनुसार आम की फसल और पैकेजिंग तैयार की जा रही है। इसके बाद यूरोपीय संघ ने 12 फरवरी से आम पर से प्रतिबंध हटा लिया है।
सऊदी अरब को शिमला मिर्च का निर्यात शुरू करने के लिए, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने उनके अपेक्षित मानकों को पूरा करने के लिए प्रणाली बनाई है।