राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश की प्रति प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों और जिला कार्यक्रम समन्वकों को भेज दी गई है। राज्य सरकार द्वारा मनरेगा के तहत जॉबकार्डधारी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार तथा स्वस्थ शिशु जन्म को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2013 से ‘मातृत्व अवकाश भत्ता’ योजना की शुरुआत की गई है। योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाएं, जिन्होंने मनरेगा के तहत पिछले एक साल में कम से कम पंद्रह दिनों तक कार्य किया हो, इस योजना का लाभ ले सकती थीं। इसे संशोधित करते हुए पंद्रह दिन के स्थान पर कम से कम 50 दिन तक कार्य करना अनिवार्य किया गया है। योजना का लाभ लेने के लिए जॉबकार्डधारी गर्भवती महिलाओं को अपनी ग्राम पंचायत में आवेदन जमा करना होगा। आवेदन के साथ जॉबकार्ड की छायाप्रति, जिसमें उनका नाम और महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत किए गए कार्य दिवस का ब्योरा दर्ज करना होगा। गर्भधारण की पुष्टि के लिए मितानिन द्वारा जारी गर्भधारण प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाना होगा। ग्राम पंचायत गर्भवती महिलाओं द्वारा प्राप्त आवेदन पत्र की जांच कर पांच दिनों के भीतर अपनी स्वीकृति अथवा अस्वीकृति का आदेश जारी करेंगी। ग्राम पंचायत की स्वीकृति के आधार पर जनपद पंचायत द्वारा तीन दिन के अंदर ‘मातृत्व अवकाश भत्ता’ की राशि आवेदिका के महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत खोले गए खाते में जमा की जाएगी।
मनरेगा में पचास दिन काम करने पर ही मातृत्व अवकाश भत्ता
रायपुर(ब्यूरो)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ‘मातृत्व अवकाश भत्ता’ का लाभ प्राप्त करने के लिए अब महिलाओं को पिछले 12 माह में कम से कम 50 दिवस का कार्य किया हुआ होना चाहिए। यह लाभ केवल दो जीवित बच्चों तक ही दिया जाएगा।