जन-धन के नाम पर छल

जागरण टीम, अलीगढ़ : केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत कर सराहनीय पहल की, परंतु इसकी मंशा पर बैंकों की बेरुखी से सवाल खड़े हो रहे हैं। शहर से लेकर देहात तक जो कुछ हो रहा है, वह किसी से छुपा नहीं है। कहीं फार्म खत्म है तो कहीं औपचारिकताओं के नाम पर ग्राहकों को धकियाया जा रहा है। कई स्थानों पर तो मुफ्त में मिलने वाले फार्म के एवज में रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। बैंकों के आसपास दलाल सक्रिय हो गए हैं।

देहलीगेट एसबीआइ में हंगामा

एसबीआइ की देहलीगेट शाखा में सुबह-सुबह इतनी भीड़ उमड़ी कि हंगामा शुरू हो गया। बैंक प्रबंधन तो सुबह साढ़े नौ बजे ही पहुंच गया था, परंतु बैठक को लेकर साढ़े दस बजे तक गेट नहीं खुला। अंदर बैठे अफसर मीटिंग में व्यस्त रहे कि बाहर लोग बैंक स्टाफ को बुरा-भला कहते हुए हंगामा करने लगे। प्रबंधक दलवीर सिंह मीणा ने उन्हें समझाकर शांत किया।

अधिकतर लोगों की शिकायत थी कि औपचारिकताओं के नाम पर परेशान किया जा रहा है। फार्म भी नहीं हैं। दलवीर सिंह ने बताया कि करीब चार हजार फार्म बांट दिए गए हैं। इसमें से मात्र एक हजार ही जमा हुए हैं। बाकी फार्म कहां गए, पता नहीं चला। शुक्रवार शाम तक और फार्म उपलब्ध हो जाएंगे।

परेशानी के बोल

चार दिन से चक्कर काट रही हूं, खाता नहीं खुला। बैंक में भीड़ इतनी होती है कि नंबर ही नहीं आ पाता। आज भी खाली लौट रही हूं।

– असगरी बेगम, शाहजमाल

छह दिन से परेशान हूं। 30 रुपये देकर कंप्यूटर से फार्म निकलवाया है। वार्ड नंबर मालूम नहीं था, इसलिए खाता नहीं खुल सका।

– ईशा माथुर, नगला मसानी

परिवार में किसी का खाता नहीं है। अब यहां आई तो दो गारंटर मांगे जा रहे है। समझ में नहीं आ रहा कि क्या करूं? कैसे खाता खुलवाया जाए?

– माया, नींवरी मोड़

शनिवार से चक्कर काट रहा हूं। वार्ड नंबर बताया तो बैंक वालों ने मना कर दिया। कहा कि यह इलाका हमारे क्षेत्र में नहीं है।

– तेज सिंह, निरंजनपुरी, गूलर रोड

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अतरौली में भड़के ग्राहक

अतरौली : यहां एसबीआइ शाखा में फार्म नहीं हैं, न ही वे फार्म जमा किए जा रहे हैं, जिन्हें पहले बांटा जा चुका है। इससे गुरुवार को बैंक पहुंचे लोग भड़क गए। नारेबाजी की। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को बैंक से जबरन बाहर निकाला। तमाम लोग लौट गए। शाखा प्रबंधक हरीश आहूजा ने बताया कि स्टाफ कम है, खाता खुलवाने वाले अधिक। इसलिए कुछ परेशानी हो रही है।

50 रुपये में फार्म

इगलास : यहां एसबीआइ शाखा में एजेंसी के जरिये माध्यम से खाते खोले जा रहे हैं। एजेंसी वाले प्रत्येक ग्राहक से 50 रुपए वसूल रहे हैं। लोगों को यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि खाते में कम से कम 500 रुपए रखने होंगे, वरना बंद हो सकता है। पीएनबी के शाखा प्रबंधक ने बताया कि उनके यहां जन धन योजना के खाते खोलने के लिए सॉफ्टवेयर नहीं आया है। इलाहाबाद बैंक में फार्म ही नहीं हैं। इसका नोटिसचस्पा किया गया है। यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक ने बताया कि जो फार्म आए थे, बंट चुके हैं। अब खाता नहीं खुलेगा। केनरा बैंक, ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त, सेंट्रल बैंक में योजना के फार्म ही नहीं दिए जा रहे।

खरीदना पड़ रहा फार्म

गभाना : यहां कुछ बैंकों में खाता खोलने के लिए फार्म पांच से 20 रुपये तक में खरीदना पड़ रहा है। दूसरी औपचारिकताओं को पूरा करने में भी 30-40 रुपये तक खर्च हो रहे हैं। एसबीआइ के शाखा प्रबंधक संजय सक्सेना ने बताया कि फार्म उपलब्ध हैं, जो मुफ्त में दिए जा रहे हैं। वसूली की शिकायत पर ग्राहक सहायता केंद्र के संचालक को हटा दिया गया है। अब तक शाखा में साढ़े पांच सौ खाते खुल चुके हैं। केनरा बैंक के शाखा प्रबंधक वीरेंद्र कुमार दास के अनुसार, उनके यहां अब तक साढ़े तीन सौ खाते खुले हैं। ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त के शाखा प्रबंधक हरी सिंह के अनुसार, बैंक में अब तक 400 खाते खुल चुके हैं।

औपचारिकता के नाम पर शोषण

खैर : यहां परिचय पत्र व अन्य औपचारिकताएं बताकर लोगों को बैंक से लौटाया जा रहा है। कई बैंकों में खाता खोलने के नाम पर 100 रुपये, दो आइडी व अन्य औपचारिकताओं के नाम पर लोगों का शोषण किया जा रहा है। कुछ बैंक फार्म न होने की बात कहकर लोगों को लौटा रहे हैं तो कुछ खाता खोलने में आनाकानी कर रहे हैं। लोगों ने इसकी शिकायत बैंक के बड़े अफसरों से भी की है।

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खाते सभी बैंकों में खुल रहे हैं। कुछ शाखाओं में फार्म नहीं होने की खबर जरूर मिली थी। सभी बैंकों को निर्देश दे दिए हैं। फिर भी सुधार नहीं हुआ तो मुख्यालय को लिखा जाएगा।

– शंकरलाल वर्मा, लीड बैंक मैनेजर।

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