डब्ल्यूटीओ में खाद्य सुरक्षा मुद्दे के समाधान के बिना टीएफए नहीं: भारत

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को कड़ा संदेश देते हुए भारत ने शुक्रवार को साफ किया कि वह अपने खाद्य सुरक्षा मुद्दे के स्थायी समाधान के बिना व्यापार सुगमता करार (टीएफए) का अनुमोदन नहीं करेगा। इसके अलावा भारत ने गरीब देशों के लाखों लोगों के जीवनस्तर को प्रभावित करने वाले मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया है।

भारत ने जिनीवा में संपन्न दो दिन की आम परिषद की बैठक में कहा कि लाखों लोगों की खाद्य सुरक्षा को केवल एक नियम जो आपको स्वीकार्य नहीं है, के लिए खतरे में डालना ठीक नहीं है। भारत के कड़े रुख के बाद अब विकसित देशों के लिए टीएफए के क्रियान्यन के अपने एजेंडा पर आगे बढ़ना मुश्किल होगा।

इस बाधा के बाद डब्ल्यूटीओ टीएफए के क्रियान्वयन की एक और समय सीमा से चूक जाएगा। विश्व व्यापार संगठन को टीएफए को 31 जुलाई तक अनुमोदित करना है। डब्ल्यूटीओ में भारतीय राजदूत अंजली प्रसाद ने कहा, टीएफए पर सदस्यों की चिंताओं को पूरी तरह समझने व उन्हें दूर करने के लिए मेरे प्रतिनिधिमंडल का विचार है कि इसे खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर स्थाई समाधान तक टाला जाना चाहिए।

उन्होंने इस बात पर खेद जताया कि पिछले सात माह में खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य से सार्वजनिक खाद्यान्न भंडारण के मुद्दे पर कोई प्रगति नहीं हुई है। खाद्यान्न भंडारण के लिए डब्ल्यूटीओ के नियमों में संशोधन भारत जैसे देश के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को लागू करने को काफी महत्वपूर्ण है।

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