रिपोर्ट बताती है कि गत दो सालों में 18 हजार हेक्टेयर वन आवरण कम हुआ है। राज्य सरकार का दावा है कि वन विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा पिछले सात सालों में तकरीबन 9 लाख हेक्टेयर में 60 करोड़ पौधे लगाए, लेकिन एफएसआई की रिपोर्ट इसकी पोल खोलते हुए ये तक बता रही है कि वन आवरण कम होने के कारण क्या हैं, जैसे वन क्षेत्रों में धड़ल्ले अवैध खनन, उद्योगों को जमीन बांटना और वन क्षेत्रों में पैर पसारता अतिक्रमण।
सीएम का निर्देश नहीं माना
पांच साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पौधरोपण की मैदानी रिपोर्ट किसी थर्ड पार्टी से तैयार कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
दो सालों का पौधरोपण
जिला पौधरोपण कम हुआ वन आवरण
बालाघाट साढ़े पांच हजार हेक्टेयर में 52 लाख पौधे 1900 हेक्टेयर
सीधी साढ़े छह हजार हेक्टैयर में 1.75 लाख पौधे 700 हेक्टेयर
बड़वानी600 हेक्टेयर में 6 लाख पौधे 900 हेक्टेयर
शिवपुरी 15 सौ हेक्टेयर में 13 लाख पौधे1600 हेक्टेयर
श्योपुर500 हेक्टेयर में 4 लाख पौधे100 हेक्टेयर
गुना900 हेक्टेयर में 10 लाख पौधे 900 हेक्टेयर
सागर11 सौ हेक्टेयर में 12 लाख पौधे 1600 हेक्टेयर
सतना 2 हजार हेक्टेयर में 20 लाख पौधे 1600 हेक्टेयर
डिडोंरी ढाई हजार हेक्टेयर में 17 लाख पौधे 1100 वर्ग किमी
खंडवा-बुरहानपुरढाई हजार हेक्टेयर में 16 लाख पौधे 900 हेक्टेयर
हरदा4 हजार हेक्टेयर में 13 लाख पौधे 900 हेक्टेयर
छिंदवाडा 2300 हेक्टेयर में 12.5 लाख पौधे1000 हेक्टेयर
नोट – सभी आंकड़े वन विभाग और फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट से लिए गए हैं।
इनका कहना है
सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में जिन जिलों में वन आवरण कम होना बताया गया है। हमने वहां के अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांगी है। जवाब आने पर ही सही कारण बता पाएंगे।
– एएस अहलावत, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वर्किंग प्लान