मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया है कि सरकार सोलापुर जिले के धार्मिक स्थल पंढरपुर में 9 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी के उपलक्ष्य में 4500 से ज्यादा शौचालयों का निर्माण करेगी, ताकि तीर्थयात्रियों को खुले में शौच न करना पड़े। इस त्योहार में यहां लाखों की संख्या में तीर्थयात्री जुटते हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट खुले में किए जाने वाले शौच के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में शिकायत की गई थी कि पंढरपुर जैसे धार्मिक स्थल में शौचालयों की कमी की वजह से आज भी तीर्थयात्री खुले में शौच करने को विवश हैं। इससे पहले हाई कोर्ट पंढरपुर में तीर्थयात्रियों द्वारा खुले में शौच आदि करने की वजह से सरकार पर नाराजगी जाहिर कर चुकी है। हाई कोर्ट ने तब कहा था कि आज तक इस तरह की अव्यवस्था का होना दुखद है।
हाई कोर्ट में शहरी विकास मंत्रालय के उपसचिव ने एक शपथ पत्र दाखिल कर बताया कि पंढरपुर के नगर निकाय द्वारा 654 शौचालय बनाए जाएंगे और 1500 अस्थायी बांस के बने मोबाइल शौचालय अभी बनाए जाने बाकी हैं। इसके साथ ही मंदिर समिति द्वारा 500 तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा 2000 अस्थायी तथा तीर्थयात्री विकास योजना के तहत यहां 116 शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
सरकार ने यह भी कहा कि रेलवे एवं राज्य परिवहन की जमीन पर भी वह 1200 शौचालयों के निर्माण का विचार कर रही है। सरकार ने हाई कोर्ट से यह भी आग्रह किया है कि इन दोनों इकाइयों को शौचालयों के निर्माण में राज्य के साथ सहयोग करने को कहा जाए।
अदालत ने मामले की सुनवाई एक जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी और कहा कि त्योहार के पहले पंढरपुर के पास बहने वाली भीमा नदी की भी सफाई की जरूरत है। न्यायाधीश अभय ओका की बेंच ने सरकार से इस बात की जानकारी देने को भी कहा कि नवंबर माह में कार्तिकेय एकादशी पर होने वाले त्योहार के लिए सरकार किस तरह की सुविधाएं देगी।