इस साल होगी रिकॉर्ड खाद्यान्न पैदावार

नागपुर। इस साल देश में रिकॉर्ड 26.32 करोड़ टन खाद्यान्नों की पैदावार
होने का अनुमान है। यह दो साल पहले के 25.9 करोड़ टन के रिकॉर्ड से करीब 40
लाख टन ज्यादा है। कृषि मंत्री शरद पवार ने रविवार को पांच दिवसीय
प्रदर्शनी व मेले ‘कृषि वसंत 2014’ के उद्घाटन समारोह में यह बात कही। सूखे
के कारण बीते फसल वर्ष [जुलाई-जून 2012-13] में पैदावार घटकर 25.53 करोड़
टन रही थी।

पढ़ें: खाद्यान्न पैदावार के टूटेंगे सभी रिकॉर्ड

चालू साल में अच्छे मानसून के कारण खरीफ और रबी दोनों फसलों की पैदावार
में इजाफे के आसार हैं। भारत दुनिया में सबसे बड़े चावल निर्यातक के रूप
में उभरा है। गेहूं व कपास निर्यात के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया
है। दूध और बागवानी फसलों के उत्पादन के मामले में भी भारत शीर्ष पर है।
देश को अब गेहूं और कपास के आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। पांच साल पहले
तक दोनों जिंसों का आयात करना पड़ता था। गेहूं व कपास निर्यात से देश को
2.32 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा हासिल हुई है। केंद्रीय सांख्यिकी
संगठन [सीएसओ] ने चालू वित्ता वर्ष में कृषि क्षेत्र की विकास दर 4.6 फीसद
रहने का अनुमान जताया है। पिछले साल यह वृद्धि दर 1.4 फीसद रही थी।

उद्योग चैंबर सीआइआइ ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ‘कृषि
वसंत’ का आयोजन किया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद [आइसीएआर] ने यहां
पिछले 100 साल के कृषि शोध का इतिहास प्रदर्शन किया है। इस मेले को देखने
देश भर से कई लाख किसान आएंगे।

राष्ट्रपति ने पवार को जमकर सराहा

कृषि क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हुआ है। विभिन्न फसलों के उत्पादन
में जबरदस्त उपलब्धि हासिल की है। रविवार को यहां ‘कृषि वसंत 2014’ का
उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कृषि मंत्री शरद पवार की
जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पवार के दस साल के कार्यकाल में देश इस
क्षेत्र में शानदार प्रगति का गवाह रहा है।

पिछले दस वर्षो में विभिन्न फसलों के उत्पादन में जबरदस्त उपलब्धि
हासिल हुई है। खासतौर से पवार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा
मिली है। वर्ष 2004 में सत्ता में आई संप्रग के पहले कार्यकाल से पवार बतौर
कृषि मंत्री अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मुखर्जी ने उद्योग समूहों से आग्रह
किया कि वे नवीनतम तकनीकी के इस्तेमाल से कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए
किसानों के साथ मिलकर काम करें।

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