ई गवर्नेंस :दुनिया के श्रेष्ठ देशों का मॉडल अपनाएगी सरकार

आम लोगों से सरोकार रखने वाली शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यावरण,वित्त,सामाजिक कल्याण से जुड़ी देश भर की ज्यादातर सेवाओं को केंद्र सरकार ई गवर्नेंस मॉडल के तहत लाने की तैयारी में जुटी है। देश के विभिन्न राज्यों से करीब 1700 सेवाओं को चिन्हित करके इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक पोर्टल के तहत लाने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकारों से भी इस संबंध में विचार विमर्श किया गया है। वर्ष 2017 में सरकार ई गवर्नेंस के लिहाज से देश को मॉडल बनाने की कोशिश कर रही है। ई गवर्नेंस का बेहतर मॉडल बनाने के लिए विश्व के श्रेष्ठ पांच देशों की सूची में शामिल युनाईटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और फिनलैंड के मॉडल का सरकार अध्ययन कर रही है। सरकार ने इन देशों के श्रेष्ठ मानकों को अपनाने के लिए मौजूदा व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों ने कहा कि सरकार की मंशा है कि डिजिटल अभियान को गति देने के लिए सरकारी सेवाओं की आनलाइन डिलीवरी,पोर्टल आम लोगों की जरूरतों के अनुरूप बनना चाहिए। दुनिया के श्रेष्ठ मॉडल को अपनी जरूरतों के मुताबिक आकलन करके अपनाया जाएगा।

ई आफिस अभियान में भी तेजी

आनलाइन सेवाओं को समेकित करने के साथ ही सभी दफ्तरों को ई आफिस में तब्दील करने का भी समयबद्ध लक्ष्य पूरा करने के लिए तेज गति से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। विभिन्न स्तरों पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे वे सारा कामकाज आनलाइन कर सकें। ई भागीदारी और सोशल मीडिया को भी समेकित करने का प्रयास हो रहा है। केंद्र सरकार की मंशा भारत को साल भर के भीतर विश्व के उन सौ देशों की सूची में लाना है जो ई गवर्नेंस व आनलाइन सर्विस डिलीवरी के लिहाज से श्रेष्ठ पायदान पर है। अभी भारत 107 वें स्थान पर है।

दुनिया के देशों से होड़ का प्रयास

केंद्र सरकार ने पहले फ्रांस, सिंगापुर, कनाडा के ई गवर्नेंस मॉडल का अध्ययन करके भारत से इनकी तुलना की थी। लेकिन वर्ष 2016 की सूची में पहले स्थान पर पहुंचे यूके दूसरे पायदान पर ऑस्ट्रेलिया और पांचवे स्थान पर फिनलैंड का मॉडल अध्ययन के लिए चुना गया है।

इन क्षेत्रों पर फोकस

स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम सामाजिक कल्याण, वित्त, बैकिंग पर्यावरण जैसे क्षेत्रों को प्रदर्शन के लिहाज से अहम संकेतक मानते हुए इन क्षेत्रों से जुड़ी सेवाओं पर फोकस किया जा रहा है।

रिपोर्ट– पंकज कुमार पांडेय 

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