अमेरिका स्थित इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से जारी किए जाने वाले इस सूचकांक के जरिए अलग-अलग देशों में भुखमरी और कुपोषण की स्थिति का आकलन किया जाता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भुखमरी की स्थिति काफी गंभीर है। इस सूचकांक में शामिल देशों को शून्य से लेकर 100 के बीच का स्कोर दिया गया है। 100 की संख्या भुखमरी के मामले में सबसे बदतर स्थिति को दिखाती है। सूचकांक में भारत का स्कोर 28।5 है। उसके पड़ोसी श्रीलंका और नेपाल तक उससे बेहतर स्थिति में हैं। सूचकांक में बेहतर प्रदर्शन करने वाले देशों में अर्जेंटीना, बोस्निया, हर्जेगोविना, बेलारूस और ब्राजील शामिल हैं। सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड, जांबिया और हैती इस सूचकांक में सबसे निचली पायदान पर मौजूद में हैं।
क्या है ग्लोबल हंगर इंडेक्स
असल में विश्व में भुखमरी और कुपोषण के खिलाफ एक अभियान चलाया हुआ है और ये इंडेक्स हर देश को इस अभियान में उसकी हिस्सेदारी और जिम्मेदारियों के प्रति सचेत करता है। इस तरह के सर्वेक्षण की शुरुआत इंटरनेशनल फ़ूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की थी और वेल्ट हंगरलाइफ़ नाम के एक जर्मन NGO ने इसे पहली बार साल 2006 में जारी किया था। बता दें कि इस अभियान में साल 2030 तक ‘जीरो हंगर’ का लक्ष्य तय किया गया है हालांकि ये अभी तक तो पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा। सबसे ज्यादा आबादी वाला देश चीन भी इस सूची से स्वयं को बचा नहीं पाया है। चीन को ग्लोबल हंगर इंडेक्स की लिस्ट में 20वें नंबर पर रखा गया है।
हंगर इंडेक्स का क्या मतलब है
इसे समझने के लिए सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि इस इंडेक्स पर जिसका स्कोर जितना कम है उस देश में उतनी ही कम भुखमरी और कुपोषण है। ये सिर्फ चार पैमानों कुपोषण, शिशुओं में भयंकर कुपोषण, बच्चों के विकास में रुकावट और बाल मृत्यु दर के आधार पर रैंकिंग तय करता है। आपको ये जानकार झटका लगेगा कि फिलहाल एशिया में सबसे बुरे हालात भारत और पाकिस्तान के ही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 39 प्रतिशत बच्चे अविकसित हैं जबकी आबादी का 15.2 प्रतिशत हिस्सा कुपोषण का शिकार हैं। इंडेक्स में भारत का स्कोर 28.5 है जो कि अन्य विकासशील देशों की तुलना में काफी ज्यादा है। इंडेक्स में विकासशील देशों का एवरेज स्कोर 21.3 है।