सुखाड़ के बाद भी महज 5.71 लाख आवेदन

पटना : राज्य के 166 प्रखंडों में सुखाड़ की मार के बावजूद अब तक मात्र 579179 किसानों ने ही डीजल सब्सिडी के लिए आवेदन किया है. राज्य में लगभग डेढ़ करोड़ किसानों की संख्या है. एक अनुमान के मुताबिक तीस जिलों के लगभग 50- 60 लाख से अधिक किसान डीजल सब्सिडी के दायरे में आना चाहिए. किसानों को सुखाड़ में धान की फसल बचाने के लिए डीजल सब्सिडी देने का निर्णय जुलाई में लिया था. अधिकारी ने बताया कि अब तक 438773 किसानों के आवेदन की डीजल सब्सिडी के लिए स्वीकृत किया जा चुका है. इनके बीच अब तक12.55 करोड़ रुपये की सब्सिडी का वितरण किया गया है.

यह सब्सिडी 128551 किसानों को 281704.24 एकड़ खेतों के लिए बांटा गया है. अधिकारी ने बताया कि भोजपुर, बक्सर, रोहतास, भभुआ, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज और कटिहार में अच्छी बारिश के कारण डीजल सब्सिडी की आवश्यकता नहीं बताया गया है. अन्य जिलों के प्रखंडों में सुखाड़ हो गया है. इसकी वजह से उन प्रखंडों के किसानों को पटवन के लिए डीजल सब्सिडी का आवश्यकता है. हालांकि सुखाड़ के बावजूद पटवन कर किसानों ने खरीफ की खेती की है. अब उन्हें फसल को बचाने के लिए पटवन की आवश्यकता है.

राज्य में अब तक 96.91 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है. बेगूसराय में 71.17, मुंगेर में 87.67, शेखपुरा में 87, जहानाबाद में 86, समस्तीपुर में 87.81 और पटना में 92.29 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है. वहीं मक्के की औसत 91.10 प्रतिशत रोपनी हुई है. जहां लक्ष्य से कम रोपनी हुई है, उसमें नालंदा में 81.70, जहानाबाद में 73.30, नवादा में 65.67, प चंपारण में 33, दरभंगा में 40.70 और मुंगेर में 56.25 प्रतिशत शामिल हैं.

डुगडुगी बजा कर करें प्रचार : डीजल सब्सिडी के लिए कम आवेदन मिलने से चिंतित सरकार ने कृषि विभाग को प्रचार-प्रसार का निर्देश दिया है. जिलाधिकारियों को कहा गया है कि किसानों के बीच डुगडुगी बजार किसानों को डीजल सब्सिडी के लिए प्रेरित किया जाये.

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