राइस मिलर्स ने कई बैंकों में बोगस फर्म के नाम से खाते बनाए हैं और इससे लेन-देन कर रहे हैं। आयकर विभाग के आला अधिकारियों की टीम ने नागरिक सहकारी बैंक शारदा चौक में सात-आठ लोगों को बेयरर चेक के साथ पकड़ा। इन लोगों ने स्वीकार कर लिया है कि बेयरर चेक के माध्यम से वे पैसा निकालते थे और राइस मिलर्स को वापस कर देते थे।
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि महासमुंद की गुरु तेगबहादुर राइस मिल पर छापा मारा गया। प्रारंभिक जांच के बाद मिल संचालकों ने दो करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं। यहां जांच अभी चल रही है। राजनांदगांव की एटीसी राइस मिल पर छापा में स्टाक में हेराफेरी का खुलासा हुआ है। भाठापारा के अमित चावल उद्योग, सत्यनारायण अग्रवाल, नाथूलाल अग्रवाल राइस मिल और गिडवानी राइस मिल में जांच की गई। बोगस बिल के इस्तेमाल को लेकर इन पांचों फर्म के खिलाफ आयकर विभाग में शिकायत हुई थी। बताया जा रहा है कि हवाला कारोबार के माध्यम से करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी हुई है।
प्रदेश की सभी राइस मिलों के बिलों की जांच शुरू
आयकर विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि बोगस बिल देने वाले तीन लोगों को भी पकड़ा गया है। इनमें संजय शर्मा, विजय केसरवानी और एक अन्य शामिल है। इन तीनों ने बोगस बिल की सप्लाई के नेटवर्क को स्वीकार कर लिया है। इन तीनों से मिली जानकारी के आधार पर अब संबंधित राइस मिलों में जांच शुरू की जाएगी। राइस मिलर्स ने खर्च ज्यादा दिखाया है और लाभ कम दिखाकर टैक्स चोरी की है।
ऐसे चल रहा है बोगस बिल का नेटवर्क
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फर्जी कंपनियों के बैंकों में खाते खोले गए हैं। इसमें पैसा जमा किया जाता है और बेयरर चेक के माध्यम से नकद निकाला जाता है। यह पैसा केशरवानी और अन्य एजेंट के पास जमा किया जाता है। ये एजेंट अपना कमीशन काटकर पैसा पार्टी को सौंप देते थे।
राइस मिलर्स को बोगस बिल सप्लाई करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रदेश के एक से डेढ़ हजार छोटे-बड़े राइस मिलर्स की जांच शुरू कर दी गई है। नागरिक सहकारी बैंक में बेयरर चेक के साथ लोग पकड़े गए हैं। बोगस बिल देने वालों ने कई राइस मिलर्स का नाम स्वीकार कर लिया है। आगे जांच में कुछ और खुलासा होने की संभावना है। केसी घुमरिया, सीसीआईटी, छत्तीसगढ़