पांच करोड़ जुर्माने के साथ श्रीश्री को हरी झंडी

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बुधवार को तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग को यमुना किनारे विश्व संस्कृति महोत्सव के आयोजन की इजाजत दे दी।

हालांकि, एनजीटी ने आयोजन की हरी झंडी देने के साथ ही आर्ट ऑफ लिविंग पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह जुर्माना अंतरिम है और अगर बाढ़ क्षेत्र को मूल स्थिति में लाने के लिए इससे अधिक खर्च होता है, तो उसका भी भुगतान करना होगा।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने आर्ट ऑफ लिविंग को गुरुवार तक यह शपथपत्र देने को कहा कि यमुना में एंजायम नहीं छोड़े जाएंगे। इसके अलावा पीठ ने पर्यावरण को और नुकसान नहीं होने देने का भी निर्देश दिया।

एनजीटी ने केंद्र और दिल्ली की संबंधित एजेंसियों की जमकर खिंचाई की और कहा वे अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में नाकाम रही हैं। एनजीटी का यह आदेश ऐसे समय आया है, जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी यमुना खादर में विश्व संस्कृति महोत्सव के आयोजन को पारिस्थितिकीय दृष्टि से आपदा करार दिया है।

यह आयोजन शुरू से ही विवादों में घिरा है। पर्यावरण कार्यकर्ता आनंद आर्या तथा अन्य ने इस कार्यक्रम को रोकने के लिए एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था। पर्यावरणवादियों की दलील है कि इस आयोजन से नदी के बाढ़ क्षेत्र के पर्यावरण को काफी नुकसान होगा।

26 करोड़ खर्च पर चुटकी

सुनवाई के दौरान आर्ट ऑफ लिविंग ने एनजीटी को बताया कि तीन दिवसीय इस आयोजन पर सिर्फ 26 करोड़ रुपये ही खर्च हो रहे हैं। इस पर पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर आप इतनी धनराशि में यह आयोजन कर सकते हैं, तो यह बहुत शानदार है। सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन आपको करना चाहिए।

मंजूरी देने पर सवाल

एनजीटी ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा कि किस आधार पर इस आयोजन को हरी झंडी दी गई। इस पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने कहा कि उसने आयोजन की मंजूरी नहीं दी है। पर्यावरण और वन मंत्रालय ने कहा कि यमुना के बाढ़ क्षेत्र में अस्थाई निर्माण के लिए मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती।

बाद में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने स्पष्ट किया कि इस आयोजन को मंजूरी देने या रद करने में उनके मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है।

एनजीटी का आदेश

11 मार्च को कार्यक्रम शुरू होने से पहले आर्ट ऑफ लिविंग पांच करोड़ रुपये का जुर्माना डीडीए के पास जमा करे
यमुना मामले में एनजीटी की प्रधान समिति यमुना खादर के मरम्मत की निगरानी करेगी
एनजीटी ने आयोजन के दौरान निकलने वाले सीवेज के निदान के लिए अधिकारियों की एक समिति बनाई
डीडीए को भविष्य में यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र में ऐसे आयोजन को अनुमति नहीं देने को कहा
डीडीए पर पांच लाख रुपये और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति पर एक लाख रुपये का जुर्माना
यह कार्यक्रम पूरा होने के बाद इस क्षेत्र को जैवविविधता पार्क के तौर पर विकसित किया जाए
"हम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं। हम अपील करेंगे। सत्यमेव जयते। सभी पार्टियों से अनुरोध है कि वे संस्कृति महोत्सव का राजनीतीकरण न करें।" -श्रीश्री रविशंकर, आर्ट ऑफ लिविंगप्रमुख

 

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