भोपाल/इंदौर। नई शराब नीति में लाइसेंस लेकर 100 बोतल शराब के स्टाक की अनुमति देने के सरकार के निर्णय को लेकर प्रदेश भर में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। सामाजिक संगठन, चिंतक, संत समाज, राजनीतिक दलों से लेकर आम लोगों तक ने इस फैसले को समाज और प्रदेश की संस्कृति के खिलाफ बताया है।
गांधीवादी चिंतक सुब्बाराव का तो यहां तक कहना है कि उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस तरह के खतरनाक फैसले की उम्मीद ही नहीं थी। उन्हें सामाजिक मूल्यों को देखते हुए इस निर्णय पर दोबारा विचार करना चाहिए। वहीं पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा और शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने सरकार के इस निर्णय को गलत बताते हुए इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
विरोध की आवाज उठते देख मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने वित्तमंत्री जयंत मलैया से इसके दूरगामी परिणामों पर गंभीरता के साथ विचार करने को कहा है। वहीं मलैया ने कहा कि नई नीति की समीक्षा की जाएगी। सरकार की नई शराब नीति में शामिल 100 बोतल शराब के स्टॉक को लेकर क्षेत्र के जानकार भी अचंभित हैं।
उनका मानना है सरकार ने 100 बोतल शराब के स्टाक को कानूनी मान्यता तो दे दी लेकिन उसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए हैं। साल में एक बार लाइसेंस लेकर कोई भी व्यक्ति चाहे जितनी खपत कर सकता है, सिर्फ उसके पास स्टाक 100 बोतलों से ज्यादा का नहीं होना चाहिए।
इसका असर क्या होगा, विभाग ने आंकलन करना भी उचित नहीं समझा। हालांकि इस फैसले को विभाग का मानना है उसने घरों पर अवैध रूप से शराब रखने वाले लोगों को जांच के दायरे में ला दिया है।