अंकारा। भारत में पुरुष कर्मियों की जितनी संख्या है, अगर उतनी संख्या में महिलाएं भी काम करने लगें तो उसकी जीडीपी में 27 फीसदी का इजाफा हो सकता है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टिन लागार्डे ने टर्की में जी20 की बैठक के आखिरी दिन रविवार को यह बात कही। जी 20 समिट में भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली और आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने भी हिस्सा लिया।
अमेरिका व जापान से अधिक ग्रोथ भारत में होगी
लागार्डे ने कहा कि काम के मामले में अगर यही लिंग समानता यानी 50-50 फीसदी का अनुपात अमेरिकी और जापान की इकोनॉमी में आ जाए, तो उनकी इकोनॉमी में क्रमश: 5 फीसदी और 9 फीसदी का ही इजाफा होगा, लेकिन भारत के मामले में यह काफी ऊंचे स्तर पर जाएगा।
डब्ल्यू 20 की लॉन्चिंग
महिलाओं के विकास को फोकस करते हुए बनाए गए महिलाओं के समूह डब्ल्यू 20 की लॉन्चिंग के अवसर पर उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण से किसी भी देश की इकोनॉमी को अधिक ग्रोथ मिलेगी।
भारत को गंभीरता से लेने चाहिए ये आंकड़े
लागार्डे ने कहा कि भारत की इकोनॉमी के बारे में दिए गए ये आंकड़े बेशक टेंटेटिव हैं, लेकिन ये बेहद अहम भी हैं और भारत को इन्हें गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी से इकोनॉमी को गति देने वाले आंकड़े उन देशों के लिए अहम हैं, जिनकी इकोनॉमी सिर्फ इसलिए अधिक ग्रोथ नहीं कर रही है, क्योंकि उनके पुरुष वर्कफॉर्स की उम्र अधिक होती जा रही है। ऐसे में अगर महिलाएं समान रूप से कामकाज में हाथ बटाएं तो उनकी ग्रोथ में भी अपेक्षित इजाफा होगा।
अमर्त्य सेन के शब्दों को रखा सामने
उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तीरण में पुरुषों की भूमिका काफी अहम है। लागार्डे ने इस अवसर पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय इकोनॉमिस्ट अमर्त्य सेन की उस बात को सामने रखा कि महिलाएं लगातार ‘एजेंट ऑफ चैंज’ की भूमिका में आ रही हैं, जिससे सामाजिक परिवर्तन की गति बढ़ेगी और महिलाओं और पुरुषों दोनों की जिंदगी में बेहतरी आएगी।
जी20 ने लिया था 2025 तक 25 फीसदी अंतर कम करने का प्रण
2014 के नवंबर में जी20 द्वारा लिए गए प्रण कि 2025 तक पुरुष और महिला वर्कफॉर्स के बीच के अंतर में 25 फीसदी तक की कमी की जाएगी, की याद दिलाते हुए लागार्डे ने कहा कि इससे ग्लोबल इकोनॉमी में अनुमानित रूप से 100 मिलियन नए जॉब्स का सृजन होगा।
महिलाओं की भागीदारी से बढ़ेगी प्रति व्यक्ति आय
उन्होंने कहा कि महिलाओं को अच्छी जॉब्स में जगह मिलने से प्रति व्यक्ति आय में भी इजाफा होगा। टर्की के बारे में उन्होंने कहा कि लिंग समानता से देश की प्रति व्यक्ति आय में 22 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। यही बात अन्य देशों के लिए भी सच है।
90 देशों में कानूनी प्रतिबंधों से महिलाओं की भागीदारी कम है
उन्होंने कहा कि 90 फीसदी देशों में कानूनी प्रतिबंधों के कारण महिलाओं के लिए इकोनॉमी और कामकाज में समानरूप से भागीदारी करना संभव नहीं हो पा रहा है। दुनिया के आधे देशों में कानूनी रूप से लिंग समानता को स्वीकार किया गया है, लेकिन परेशानी अभी भी मौजूद है। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले पांच वर्षों में वर्कफॉर्स में महिलाओं की भागीदारी कम से कम 5 फीसदी बढ़ जाएगी।
महिलाओं के लिए मीठे वादे ही काफी नहीं हैं: आईएमएफ प्रमुख
भारत समेत दुनिया की 20 सबसे बड़ी इकोनॉमी द्वारा जेंडर इन्क्लूसिव ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ को गति देने डब्ल्यू20 की लॉन्चिंग के अवसर पर आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टिन लागार्डे ने कहा कि महिलाओं की बेहतरी के लिए महज मीठे शब्द ही काफी नहीं हैं, बल्कि सभी वादों की डिलिवरी होनी चाहिए।