गुवाहाटी. असम में बाढ़ से हालात और भी बदतर हो गए हैं। बाढ़ के कारण 21 जिलों में 17.68 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। रविवार को एक और किसान ने खुदकुशी कर ली। बाढ़ के कारण सुसाइड करने वाले किसानों की तादाद 30 हो गई है। बारिश और बाढ़ के कारण अब तक 45 लोगों की मौत हुई है। असम में 22 अगस्त से बाढ़ का कहर जारी है। बता दें कि असम में ब्रह्मपुत्र समेत कई प्रमुख नदियां लगातार खतरे के निशान से ऊपर बहर रही हैं।
क्यों आत्महत्या कर रहे हैं किसान?
* असम में 1.45 लाख हेक्टेयर जमीन पर लगाई गई फसल बर्बाद हो चुकी है।
* बाढ़ के कारण अब तक 17.68 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का हुआ है।
* असम के बारपेटा जिले में बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा फसल तबाह हुई है।
* 2000 गांव अभी भी पानी के अंदर।
बीएसएफ के पोस्ट तबाह
असम के धुब्री जिले में बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (बीएसएफ) पोस्ट बाढ़ में तबाह हो गए हैं। इस कारण यहां बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ को गश्ती में दिक्कत आ रही है। पोस्ट तबाह होने के कारण घुसपैठ पर नजरदारी मुश्किल हो गई है। यहां के हाथिचर में बीएसएफ के कैंप तबाह हो गए हैं। केवल बोट से ही वे गश्ती कर पा रहे हैं। इस पोस्ट पर तैनात बीएसएफ जवान अमल कुमार ने कहा, ”कैंप में हमारे बिस्तर पानी में डूबे हैं। किसी तरह लकड़ी जला कर हम खाना बना रहे हैं।”
कौन-कौन सी नदियां उफान पर?
असम की ब्रह्मपुत्र, देसांग, धनसिरि, कोपिलि, पुतिमरी, बेकी और कुशियरा जैसी नदियां उफान पर हैं। भारी बारिश के कारण ये नदियां पिछले कई हफ्ते से लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हालांकि, ब्रह्मपुत्र छोड़कर बाकी नदियों में जलस्तर कम हुआ है। लेकिन ब्रह्मपुत्र में पानी कम न होने के कारण राज्य के अधिकतर हिस्सों से पानी नहीं उतर रहा है।