धमतरी(छत्तीसगढ़)। यहां ग्रामीण ओडीएफ शब्द से भलीभांति परिचित हैं। उन्हें अच्छी तरह पता है कि ओडीएफ का मतलब खुले में शौच से मुक्त है। इसके लिए प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर ने ग्राम कोटाभर्री के प्रवास के दौरान चौपाल लगाकर लोगों को इसके लाभ के बारे में बताया था। कलेक्टर की अपील पर शौचालय बनाने सबसे पहले आगे आईं गांव की 104 वर्षीय वृद्ध महिला कुंवर बाई यादव।
उन्होंने गांव में सबसे पहले शौचालय बनाने के नाम से घर की बकरियों को बेचकर 22 हजार रुपए का शौचालय बनवाया। शौचालय बनाकर उसका उपयोग शुरू कर दिया। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई। अलबत्ता श्रीमती यादव ने एक-एक घर में जाकर तथा दस्तक देकर लोगों को समझाया और सभी घरों में शौचालय निर्माण कराने के लिए उन्हें मना भी लिया है।
अंततः कोटाभर्री को 15 जुलाई को ओडीएफ ग्राम घोषित किया गया। गंगरेल जलाशय के समीप नैसर्गिक तथा वन सम्पदा से परिपूर्ण ग्राम कोटाभर्री जिला मुख्यालय से मात्र 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत 18 परिवारों के लिए 2 लाख 16 हजार रुपए की राशि स्वीकृत कर शौचालय का निर्माण किया गया। ग्राम पंचायत बरारी के इस आश्रित ग्राम में लगभग साढ़े 4 सौ लोग रहते हैं।