यूपी बोर्ड का नियम है कि हाईस्कूल की हिंदी विषय की परीक्षा में फेल हुए तो आगे बढऩे का मौका नहीं मिलेगा। दूसरे साल भी हाईस्कूल की पढ़ाई करनी होगी और हिंदी विषय में उत्तीर्ण होने के बाद ही अगली कक्षा में प्रवेश मिलेगा।
यूपी बोर्ड हाईस्कूल परीक्षा के हिंदी विषय में 34 लाख 74 हजार 287 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें से 33 लाख 71 हजार 195 विद्यार्थी (82.25 फीसदी) उतीर्ण हुए जबकि एक लाख तीन हजार 83 विद्यार्थी फेल हो गए। अब इन्हें 11वीं में प्रवेश के लिए हाईस्कूल में दोबारा पढ़ाई करनी होगी। मुख्य विषयों की बात करें तो हमेशा की इस बार भी गणित का विषय छात्रों के लिए हौव्वा बना रहा।
गणित में 74.45 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। हाईस्कूल की गणित विषय की परीक्षा में कुल 20 लाख 99 हजार 376 विद्यार्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 20 लाख 27 हजार 436 ने परीक्षा दी और 15 लाख 9 हजार 466 विद्यार्थी सफल रहे।
यानी गणित में पांच लाख 17 हजार 970 विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए। इसके अलावा कृषि विषय में 32 हजार 226 विद्यार्थियों में 25 हजार 607, कॉमर्स में 46 हजार 766 में 39 हजार 299, कंप्यूटर में 75 हजार 544 में 69877, ड्राइंग में 27 लाख 50 हजार 252 में 25 लाख 84 हजार 57, अंग्रेजी में 29 लाख 25 हजार 243 में 24 लाख 17 हजार 572, उर्दू में एक लाख पांच हजार 866 में 94 हजार 333, होम साइंस में 11 लाख 28 हजार 277 में नौ लाख 83 हजार 578, संस्कृत में सात लाख 95 हजार 949 में छह लाख 29 हजार 674 और सोशल साइंस में 33 लाख 71 हजार 493 विद्यार्थियों में 30 लाख 72 हजार 467 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए।
हिंदी भाषी राज्य कन्नड़, उडिय़ा, अरेबिक, कश्मीरी जैसी भाषाओं में परीक्षा देने की बात अजीब लग सकती है लेकिन यूपी बोर्ड हाईस्कूल के विद्यार्थियों ने इन विषयों में भी परीक्षा दी।
अरेबिक भाषा की परीक्षा में शामिल 310 विद्यार्थियों में 280, बांग्ला में छह में पांच, कन्नड़ में 13 में दो, गुजराती में 173 में 124, कश्मीरी में 103 में 61, मलयालम में एक में एक, मराठी में 33 में 15, नेपाली में तीन में एक, पालि में 285 में 276, पर्सियन में 257 में 166, पंजाबी में 309 में 289, तमिल मे आठ में तीन, सिंधी में 64 में 62 और तेलगू भाषा की परीक्षा में शामिल 35 विद्यार्थियों में 27 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए जबकि उडिय़ा भाषा में एक ही विद्यार्थी ने परीक्षा दी और वह फेल हो गया।