उसे पता चला था कि उसके ससुराल के लोग खुले में शौच करने जाते हैं। इस पर उसने अपने परिजनों से दो टूक कहा, "साड़ी-गहनों की बात तो बाद में है, पहले बताओ मेरी होने जा रही ससुराल में शौचालय कहां हैं। उसका सबसे पहले इंतजाम करो।"
लड़की ने इस बात पर भी जोर दिया कि शौचालय के भीतर ही पानी का नल लगा हो, वाश बेसिन भी हो और जमीन से एक फुट ऊपर दर्पण लगा हो। दूल्हे के पैतृक गांव में एक भी शौचालय नहीं था।
अकोला जिले में बालापुर तहसील के अंदुरा गांव में हो रही शादी में आए अतिथि, दुल्हन को माता-पिता/रिश्तेदारों की ओर से उपहार में मिलने वाली सामान्य चीजों के बीच एक नया आइटम देख कर हैरत में पड़ गए। सभी उपहार के बीच खड़ा आइटम कुछ और नहीं बल्कि शौचालय निर्माण से जुड़े सामान थे। इस उपहार को देख सभी की आंखें फटी की फटी रह गई।
लड़की चैताली गलाखे की शादी यवतमाल जिले के एक गांव के निवासी देवेंद्र मकोडे के साथ संपन्न हुई है। चैताली ने कहा, "मेरी शादी तय होने के पांच-छह दिनों बाद मुझे पता चला कि मेरी ससुराल में शौचालय है ही नहीं। मैंने अपने पिता और चाचा से शौचालय की व्यवस्था कराने के लिए कहा। उन्होंने मेरा आग्रह पूरा किया। मैं समझती हूं कि यह शादी के दौरान मिलने वाले अन्य सामान में कहीं ज्यादा उपयोगी है।"