किसान आत्महत्या- चार लाख के एफडी का मिलेगा ब्याज

पटना : बिहार में पहली बार किसान की आत्महत्या की घटना को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है. राज्य सरकार ने ऐसे किसानों के परिजनों को बड़ी राहत दी है. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में बिहार कृषि संकटग्रस्त किसान सहायता योजना 2015 मंजूर की गयी, जिसके तहत आत्महत्या करनेवाले किसान के निकटतम परिजन के नाम चार लाख रुपये का फिक्स्ड डिपोजिट किया जायेगा, जिस पर मिलनेवालेनियमित ब्याज से पीड़ित परिवार का भरण-पोषण हो सकेगा. 
इसके अतिरिक्त जिस कर्ज के कारण किसान को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा था, उसे चुकता करने के लिए एक लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जायेगी. एक अप्रैल से यह योजना लागू की गयी है, जो देश में इस तरह की पहली योजना है.
कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने बताया कि कर्ज की जांच के लिए जिला स्तर पर गठित कमेटी निर्णय करेगी. यदि जांच में कर्ज का उचित कारण होगा, तभी यह राशि संबंधित परिवार को उपलब्ध करायी जायेगी. 
कैबिनेट सचिव ने बताया कि आत्महत्या की घटना की तुरंत जांच शुरू कर दी जायेगी. एक माह में जांच की सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है. श्री सिन्हा ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जांच जिला स्तर पर बनी कमेटी करेगी. प्रावधान के तहत आत्महत्या की घटना के बाद पंचायत के मुखिया, सरपंच और वार्ड सदस्य सीओ व बीडीओ को घटना की जानकारी देंगे. सीओ व बीडीओ इसकी जानकारी डीएम व एसपी को देंगे. एसपी व डीएम तत्काल घटनास्थल पर पहुंच कर इसकी जांच करेंगे. 
घटना सत्य पाये जाने पर राहत देने की कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए जिले में डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी, जिसमें एसपी, सिविल सजर्न, जिला कृषि पदाधिकारी सदस्य होंगे, जबकि आपदा प्रबंधन विभाग के जिला स्तर के अधिकारी सदस्य सचिव होंगे. राज्य स्तर पर कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता पर कमेटी होगी, जो पूरे मामले को देखेगी.
उन्होंने बताया कि बैठक में कुल 28 एजेडों की स्वीकृति दी गयी है. गौरतलब है कि हाल ही में पटना जिले के एक किसान ने संकट की हालत में आत्महत्या कर ली. इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.

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