मोदी सरकार ने फोर्ड फाउंडेशन को डाला निगरानी सूची में

नई दिल्ली। ग्रीनपीस के बाद फोर्ड फाउंडेशन से आने वाली विदेशी मदद पर भी सरकार का शिकंजा कस गया है। मोदी सरकार ने फोर्ड फाउंडेशन को निगरानी सूची में डाल दिया है। इसके तहत इससे मिलने वाली सभी विदेशी सहायता के लिए गृह मंत्रालय की पूर्व मंजूरी को अनिवार्य कर दिया है। गृह मंत्रालय के अनुसार देश की सुरक्षा और हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। इसके पहले ग्रीनपीस के सात खातों को निलंबित किया जा चुका है।

गृह मंत्रालय ने रिजर्व भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को फोर्ड फाउंडेशन से आने वाली विदेशी सहायता के प्रति सभी बैंकों और उसकी शाखाओं को सचेत करने का निर्देश दिया है। इसके तहत किसी भी व्यक्ति, संस्था या संगठन को फोर्ड फाउंडेशन से सहायता मिलने के बाद बैंकों को तत्काल गृह मंत्रालय को सूचित करना होगा। गृह मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि फाउंडेशन से आई विदेशी सहायता उसी खाते में जाए, जिसके लिए वह आई है।

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यहां तक कि सरकारी संस्थाएं और एजेंसियां भी अब सीधे अनुदान नहीं ले सकती हैं। सरकारी संस्थाओं को फोर्ड फाउंडेशन से सहायता लेने के लिए आर्थिक मामलों के मंत्रालय को बताना होगा। यदि किसी सरकारी संगठन में फोर्ड फाउंडेशन से सीधे सहायता मिलने का मामला सामने आए भी तो उसे तत्काल गृह मंत्रालय को सूचित करना होगा।

गौरतलब है कि पिछले महीने गुजरात सरकार ने फोर्ड फाउंडेशन पर तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ को सरकारी विरोधी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने का आरोप लगाया था। गुजरात सरकार ने गृह मंत्रालय से इसके लिए फोर्ड फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया था। दूसरी ओर, गुजरात दंगे के दौरान पीड़ितों की सहायता के लिए मिलने वाली करोड़ों रुपये की मदद के दुरुपयोग के मामले में गुजरात पुलिस तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ जांच कर रही है।

फोर्ड फाउंडेशन के पहले गृहमंत्रालय फंड के दुरूपयोग के आरोप में ग्रीनपीस के सात बैंक एकाउंट निलंबित कर चुकी है। इसके साथ ही ग्रीनपीस पर छह महीने के लिए विदेशी लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सरकार ने ग्रीनपीस से एफसीआरए क्लीयरेंस स्थायी तौर रद करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।

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