मानसून 2015 खेती-व्यवसाय खतरा या अवसर शीर्षक से तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार आम, केला, अंगूर आदि जैसे फलों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। एसोचैम ने बताया कि गेहूं, तिलहन और दाल जैसी रबी फसलें एवं टमाटर, गोभी और धनिया जैसी सब्जियां खराब मौसम से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि सरकारी आकलन के अनुसार 14 राज्यों में करीब 106.73 लाख हेक्टेयर की फसलें इस बरसात में बर्बाद हुई हैं। जारी अध्ययन में इस साल जून से सितंबर के दौरान भारत में सामान्य मानसून रहने की संभावना जताई गई है और कहा गया है कि इस दौरान औसतन 102 फीसदी बारिश हो सकती है।