चीनी मिल की हेराफेरी से उड़े किसानों के होश

उत्तम शुगर मिल प्रबंधन ने किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान करने का नया तरीका अपनाया है। मिल ने किसानों की जमीनों को बैंक में गिरवी रखना शुरू कर दिया है। आर्थिक रूप से कमजोर किसानों से कृषि फार्म फरवाया जा रहा है। जिसके आधार पर किसान की जमीन बैंक में गिरवी रखी जा रही है।

इस जमीन पर मिला हुआ ऋण किसान को गन्ना भुगतान के रूप में दिया जा रहा है। मिल का दावा है कि इस ऋण का ब्याज सहित भुगतान करने की जिम्मेदारी चीनी मिल की होगी।

बरकातपुर स्थित चीनी मिल से क्षेत्र के करीब 31 हजार किसान जुड़े हैं। चीनी मिल पर किसानों का करीब 80 करोड़ रुपया गन्ना मूल्य बकाया है। बैंकों ने भी मिल को ऋण देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। गन्ना मूल्य भुगतान के लिए किसानों का चीनी मिल प्रबंधन पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

ऐसे में चीनी मिल प्रबंधन ने किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान करने के लिए उनकी भूमि पर कर्ज लेना शुरू कर दिया है। चीनी मिल प्रबंधन किसानों से एक फार्म भरवा रहा है। इस फार्म पर किसान की फोटो और हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।

फार्म के साथ किसान की फोटो आईडी और बैंक पासबुक की छाया प्रति संलग्न कर बैंक में जमा की जा रही है। किसान की जमीन बैंक में बंधक रखकर ऋण लिया जा रहा है, जो किसान को गन्ना भुगतान के रूप में दिया जा रहा है।

बरकातपुर चीनी मिल के जीएम नरपत सिंह ने बताया कि चीनी मिल को गन्ना देने वाले सभी किसानों का भुगतान इस प्रक्रिया के अंतर्गत नहीं किया जाएगा। मिल प्रबंधन ने भुगतान लेने वाले किसानों की तीन श्रेणियां निर्धारित की हैं।

घर में वैवाहिक कार्यक्रम, परिवार के किसी सदस्य के उपचार अथवा बच्चों की शिक्षा के लिए धन की आवश्यकता को देखते हुए इस श्रेणी के किसान को ही निर्धारित प्रारूप के अंतर्गत गन्ना मूल्य भुगतान प्राथमिकता पर किया जाएगा।

बैंक से लिया गया ऋण मय ब्याज वापस करने की जिम्मेदारी चीनी मिल प्रबंधन की होगी। उन्होंने बताया कि बीते एक सप्ताह में 275 किसानों को करीब दो करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान दिया गया है। गन्ना भुगतान लेने के लिए इस योजना में अब तक 500 से अधिक किसान आवेदन कर चुके हैं।

राजीव कुमार, घनश्याम सिंह, योगराज आदि किसानों का कहना है कि हालांकि उन्हें चीनी मिल से गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है। उनसे बैंक पासबुक और फोटो आईडी की छाया प्रति लेने के साथ एक फार्म भरवाकर हस्ताक्षर कराए गए हैं।

लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है। उन्हें अंदेशा है कि कृषि फार्म की आड़ में उनकी जमीन बंधक रखकर चीनी मिल बैंक से ऋण लेकर उन्हें गन्ना भुगतान कर रही है।

वहीं जिला गन्ना अधिकारी ओपी सिंह का कहना है कि कुछ किसानों ने इस संबंध में शिकायत की थी, जिसके बाद बरकातपुर चीनी मिल को नोटिस भेजकर इस स्कीम को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया गया था। किसानों से भी आग्रह किया गया था कि वे इस तरह के किसी झांसे में न आएं।

align="justify"> इससे उन्हें नुकसान हो सकता है। प्रकरण की जांच कराकर यह पता लगाया जा रहा है कि यह स्कीम मिल द्वारा किसानों पर थोपी जा रही है या किसानों से वार्ता के बाद इसे शुरू किया गया है।

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