जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर धमतरी ब्लाक के ग्राम पंचायत बरारी का आश्रित ग्राम कोटाभर्री है। यह गांव गंगरेल बांध के पानी के विपरीत ओर कुछ दूरी पर बसा है। जनगणना के अनुसार आदिवासी बाहुल्य इस गांव की कुल जनसंख्या 77 है। यहां के 16 घरों में कुल 77 लोग रहते हैं। 34 पुरुष, 43 महिला और 11 बच्चे हैं।
महेश ध्रुव और लोकेश ध्रुव का कहना है कि गांव में 3 हैंडपंप और 1 बोर है। गर्मी के पहले ही ये बंद हो चुके हैं। इसलिए गांव में पेयजल संकट हो गया है। गांव के लोग झरन पानी से जैसे तैसे अपनी प्यास बुझा रहे हैं। गांव की कामिनी धु्रव का कहना है कि बस्ती से कुछ दूरी पर रेतीला स्थान है, जहां गंगरेल बांध का पानी ऊंचाई वाली जगह से थोड़ी- थोड़ी मात्रा में झरन के रूप में बहता रहता है।
इसे ग्रामीण छानकर पीने के काम में ला रहे हैं। ऊंचे स्थान पर ग्रामीणों ने पाइप लगा लिया है। रोज पैदल चलकर झरन पानी लाने जाने पड़ता है। कई बार तो रेत को खोदकर झरिया बनाकर उससे पानी निकालते हैं। उसी पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं।
मरम्मत की जाएगी
इस संबंध में पीएचई के ईई जीएन रामटेके का कहना है कि कोटाभर्री की पेयजल समस्या को दिखवाते हैं। संकट है तो वहां हैंडपंप, बोर की मरम्मत कर संकट दूर किया जाएगा।